जैकोबस हेनरीकस वाण्ट हाफ

Jacobus Henricus Vanit Hoff

पुरस्कार वर्ष 1901

जन्म: 30 अगस्त, 1852

मृत्यु 1 मार्च, 1911

राष्ट्रीयता :डच

                 जर्मनी के इस रसायन शास्त्री ने किसी भी प्रतिक्रिया की दर, रसायन सन्तुलन और द्रव के क्रमण दवाव (Osmotive Pressure) के संबंध में काम किया। इसके लिए इन्हें रसायन में प्रथम नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ।

हरमान एमाइल फिशर    

Hermann Emil Fischer

पुरस्कार वर्ष 1902

जन्म 9 अक्तूबर, 1852

मृत्यु : 15 जुलाई, 1919

राष्ट्रीयता : जर्मन

            हरमान एमाइल ने शर्करा तथा अन्य प्युराइन श्रेणी के तत्वों और उनके संश्लेषण के संबंध में अन्वेषण कार्य किए। इसीलिए इन्हें रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया।

स्वान्ते आगस्त अरहेनिअस

Svante August Arrhenius

पुरस्कार वर्ष 1903

जन्म : 19 फरवरी, 1859

मृत्यु 2 अक्तूबर, 1997

राष्ट्रीयता : स्वीडिश

              अरहेनियस को आधुनिक भौतिक रसायन शास्त्र का जनक माना जाता है। इन्हें इलैक्ट्रोलाइट डिस्सोसिएशन (विद्युत अपघटन ) के संबंध में कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया।

सर विलियम रेम्से

Sir William Ramsay

पुरस्कार वर्ष 1904

जन्म 2 अक्तूबर, 1852

मृत्यु 23 जुलाई, 1916

राष्ट्रीयता: ब्रिटिश

            इन्हें हीलियम, नियोन, ऑर्गन, क्रिप्टन, जेनन और रेडान आदि निष्क्रिय गैस-तत्वों का पता लगाने तथा आवर्त सारणी में उनके स्थान के संबंध में खोज के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया।

जोहान फ्रेडरिक विल्हेम अडोल्फ वॉन बेयर

Johnan Friedrich Wilhelm Adolph Von Baeyer

पुरस्कार वर्ष 1905

जन्म : 31 अक्तूबर, 1835

मृत्यु 20 अगस्त, 1917

राष्ट्रीयता: जर्मनी

              जर्मनी के इस रसायन शास्त्री ने हाइड्रोएरोमैटिक सम्मिश्रणों तथा जैव रंगों के संबंध में कार्य किया। इन्होंने 1883 में संश्लेषण के बाद नील तैयार किया। इसके लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ।

फर्डिनेण्ड फ्रेडरिक हेनरी मोइसन

Ferdinand Frederic Henri Moissan

पुरस्कार वर्ष 1906

मृत्यु 20 फरवरी, 1907

जन्म 28 सितम्बर, 1852

राष्ट्रीयता : फ्रेंच

           फ्रांस के इस रसायन शास्त्री ने विषाक्त गैस फ्लोरीन (Element fluorine) के पृथक्करण के साथ-साथ इलैक्ट्रिक फरनेस (भट्टी) भी तैयार की। इस भट्ठी को इन्हीं के नाम पर मोइसन फरनेस कहा जाता है।

एडुआर्ड बखनेर

Eduard Buchner

पुरस्कार वर्ष 1907

जन्म 20 मई, 1860

मृत्यु 18 अगस्त, 1917

राष्ट्रीयता :जर्मन

              इन्होंने यह सिद्ध करके दिखाया कि खमीर उठने का कारण खमीर के विभिन्न एन्जाइम हैं न कि खुद खमीर की कोशिका इस खोज के लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ।

लार्ड अर्नेस्ट रदरफोर्ड

Lord Ernest Rutherford

पुरस्कार वर्ष 1908

जन्म 30 अगस्त, 1917

मृत्यु 19 अक्तूबर, 1937

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

            ब्रिटेन के इस रसायन विज्ञानी को तत्वों के विघटन तथा रेडियोधर्मी पदार्थों के रसायन के संबंध में अनुसंधान करने के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विल्हेम ओस्टवाल्ड

Wilhelm Ostwald

पुरस्कार वर्ष 1909

जन्म 30 अगस्त, 1852

मृत्यु 1 मार्च, 1911

राष्ट्रीयता : डच

            इन्हें 56 वर्ष की आयु में उत्प्रेरण क्रिया के क्षेत्र में कार्य करने तथा रासायनिक प्रतिक्रियाओं की तीव्रता आदि संबंधी सिद्धान्तों की गहन पड़ताल के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

ऑटो वालेख

Otto Wallach

पुरस्कार वर्ष 1910

जन्म 27 मार्च, 1847

मृत्यु 26 फरवरी, 1931

राष्ट्रीयता : जर्मन

            जैव रसायन शास्त्र तथा रासायनिक उद्योगों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने तथा एलिसाइक्लिक यौगिकों पर अग्रणी शोधकार्य करने के लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मेरी क्यूरी

Marie Curie

पुरस्कार वर्ष 1911

जन्म 7 नवम्बर, 1867

मृत्यु 1 जुलाई, 1931 (पेरिस)

राष्ट्रीयता : फ्रेंच

               पोलैण्ड में जन्मी मेरी क्यूरी को रेडियम और पोलोनियम की खोज तथा रेडियम को पृथक करने के कारण रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इससे पूर्व इन्हें भौतिक विज्ञान में भी पुरस्कार प्राप्त हो चुका था।

विक्टर ग्रिगनार्ड

Vicor Grignard

पुरस्कार वर्ष 1912

जन्म 6 मई, 1871

मृत्यु : 15 दिसम्बर, 1935

राष्ट्रीयता : फ्रेंच

              इन्होंने पाल सेवाटिअर के साथ ऑर्गेनोमैग्नीसियम यौगिकों पर कार्य किया। इससे जैव संश्लेषण द्वारा उनके निर्माण का द्वार खुला। दोनों को पुरस्कृत किया गया।

पाल सेबाटिअ

Paul Sabatier

जन्म: 5 नवम्बर, 1851

मृत्यु 14 अगस्त, 1911

पुरस्कार वर्ष : 1912

              जैव रसायन संश्लेषण तथा हाइड्रोजनीकरण के लिए निकल के प्रयोग का पता लगाने के लिए इन्हें पाल ग्रिगनार्ड के साथ नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन्हें जैव संश्लेषण पर नोबेल पुरस्कार दिया गया।

एल्फ्रेड वेरनर

Alfred Werner

पुरस्कार वर्ष 1913

जन्म: 12 दिसम्बर, 1866

मृत्यु : 15 नवम्बर, 1919

राष्ट्रीयता: स्विस

            स्विटज़रलैण्ड के इस रसायन वैज्ञानिक ने आधुनिक अजैव कैमिस्ट्री के सिद्धान्तों की स्थापना की और केमिकल सम्मिश्रणों के संबंध में कार्य किया। इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया।

थियोडोर विलियम रिचर्ड्स

Theodore William Richards

पुरस्कार वर्ष 1914

जन्म : 1868

मृत्यु : 1928

राष्ट्रीयता: अमरीकी

               इस अमरीकी रसायन शास्त्री ने के भार का निश्चित पता लगाया। इस कार्य से आइसोटोप्स के विद्यमान होने का भी पता चला। इसके लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया

रिचर्ड विल्सटैटर

Richard Willstater

पुरस्कार वर्ष 1915

जन्म : 13 अगस्त, 1872

मृत्यु 3 अगस्त, 1912

राष्ट्रीयता : जर्मन

               जर्मनी के इस रसायन विज्ञानी ने पौधों के रंगद्रव्यों, विशेष रूप से क्लोरोफिल की जानकारी के संबंध में महत्वपूर्ण मार्गदर्शक कार्य किया। इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया। ● 1916 और 1917 में रसायन शास्त्र में नोबेल पुरस्कार नहीं दिये गए।

फ्रिल्ज़ हैबर

Fritz Haber

पुरस्कार वर्ष 1918

जन्म : 9 दिसम्बर, 1868 1934

मृत्यु: 29 जनवरी,

राष्ट्रीयता : जर्मन

               जर्मनी के इस रसायन वैज्ञानिक ने अमोनिया के निर्माण की विधि विकसित की। इस विधि को इन्हीं के नाम पर हैबर विधि’ नाम दिया गया। इसीलिए यह नोबेल पुरस्कार के हकदार बने।

● 1919 में रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया।

वाल्थर हरमान नस्ट

Walther Hermann Nernst

पुरस्कार वर्ष 1920

जन्म 25 जून, 1864

मृत्यु 14 नवम्बर, 1941

राष्ट्रीयता : जर्मनी

              जर्मनी के इस रसायन वैज्ञानिक ने ऊष्मगतिकी (Thermodynamics) (ऊष्मा तथा ऊर्जा के बीच संबंध का विज्ञान) के तीसरे नियम का निर्धारण किया। इन्हें आधुनिक भौतिक रसायन के जनकों में माना जाता है।

फ्रेडरिक सोडी

Frederick Soddy

पुरस्कार वर्ष 1921

जन्म 2 सितम्बर 1877

मृत्यु 22 सितम्बर 1956

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

             ब्रिटेन के इस रसायन विज्ञानी ने रेडियोधर्मी पदार्थों का पता लगाने तथा आइसोटोप के सिद्धान्त को विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। इसीलिए 44 वर्ष की आयु में इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फ्रांसिस विलियम एस्टन

Francis William Aston

पुरस्कार वर्ष 1922

जन्म 1 सितम्बर, 1877

मृत्यु 20 नवम्बर 1945

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

             इस ब्रिटिश वैज्ञानिक को स्पैक्टोग्राफ स्पैक्ट्रम लेखी के | विकास और भारी संख्या में आइसोटोप्स का पता लगाने के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उस समय इनकी आयु पैंतालीस वर्ष थी।

फ्रिल्ज़ प्रेगल

Fritz Pregl

जन्म 8 सितम्बर, 1869

मृत्यु 18 दिसम्बर 1930

पुरस्कार वर्ष 1923

राष्ट्रीयता : आस्ट्रियन

               आस्ट्रिया के इस रसायन शास्त्री को नोबेल पुरस्कार इसलिए दिया गया कि इन्होंने जैब तत्वों के सूक्ष्म विवेचन का तरीका निकाला।

● 1924 में रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया।

रिचर्ड ज़िगमोण्डी

Richard Zsigmondy

पुरस्कार वर्ष 1925

जन्म : 1 अप्रैल, 1865

मृत्यु 25 सितम्बर, 1929

राष्ट्रीयता : आस्ट्रियन

              इस आस्ट्रियन जर्मन रसायन वैज्ञानिक ने इस बात क पता लगाया कि एक पदार्थ के अत्यन्त सूक्ष्म विषम जातीय कणों का स्वभाव कैसा होता है और इनसे क्या प्रतिक्रिया होती है। इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया।

थियोडोर स्वेडबर्ग

Theodor Svedberg 

पुरस्कार वर्ष 1926  

जन्म 30 अगस्त, 1884

मृत्यु 25 फरवरी, 1971

राष्ट्रीयता : स्वीडिश

             स्वीडन के इस वैज्ञानिक को बयालीस वर्ष की आयु में इसलिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया क्योंकि ये ऐसी मशीन बनाने में समर्थ हुए जो अत्यन्त सूक्ष्म और बड़े अणुओं को शीघ्रता से पृथक कर देती है।

हेनरिक आटो वाइलैण्ड

Heinrich Otto Willand

पुरस्कार वर्ष 1927

जन्म 4 जून, 1877

मृत्यु 5 अगस्त, 1957

राष्ट्रीयता: जर्मन

              जर्मनी के इस वैज्ञानिक ने पित्त क्षार के स्वरूप के संबंध में अनुसंधान किया। इन्हें यह भी पता चला कि तीन पित्त क्षार जो रचना में एक जैसे हैं, कोलेस्टरोल से संबंधित हैं। इसीलिए इन्हें पुरस्कृत किया गया।

एडोल्फ विण्डौस

Adolf Windaus

पुरस्कार वर्ष 1928

जन्म: 25 दिसम्बर, 1876

मृत्यु 9 जून, 1959

राष्ट्रीय ता जर्मन

            जर्मनी के इस वैज्ञानिक ने स्टिरोलों की रचना और उनके विटामिनों से संबंध पर अनुसंधान कार्य किया। इसलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सर आर्थर हार्डेन

Sir Arthur Harden

पुरस्कार वर्ष 1929

जन्म : 12 अक्तूबर, 1865

मृत्यु 17 जून, 1940

राष्ट्रीयता ब्रिटिश

1929 का नोबेल पुरस्कार सर आर्थर और हान्सवान चेलपिन को शर्करा से खमीर उठाने तथा उस क्रिया में एन्जाइम की क्रिया के संबंध में अनुसंधान के लिए दिया गया।

हांस कार्ल अगस्त सिमॉन वान युलेर-चेलपिन

Hans Karl August Simon Von Euler-chelpin

पुरस्कार वर्ष 1929

जन्म 15 फरवरी, 1875

मृत्यु: 7 नवम्बर, 1964

राष्ट्रीयता : स्वीडिश

                इन्होंने उन एन्जाइम्स पर खोज कार्य किया जो शर्करा खमीर के लिए उत्तरदायी होते हैं। इन्हें भागीदार के रूप में नोबेल पुरस्कार दिया गया। यह स्वीडन के थे

हान्स फिशर

Hans Fischer

पुरस्कार वर्ष 1930

जन्म: 27 जुलाई, 1881

मृत्यु: 31 मार्च, 1945

राष्ट्रीयता: जर्मन

             इस जर्मन रसायन शास्त्री ने रक्त के लाल रंग के द्रव्य, जिसे हेमिन (Hemin) कहते हैं, का अध्ययन किया। इसके साथ इन्होंने हेमिन के संश्लेषण पर भी अनुसंधान किया। इसीलिए इन्हें पुरस्कृत किया गया।

कार्ल बोश

Carl Bosch

पुरस्कार वर्ष 1981

जन्म: 27 अगस्त, 1974

मृत्यु: 26 अप्रैल, 1940

राष्ट्रीयता: जर्मन

             1931 का नोबेल पुरस्कार जर्मनी के कार्ल बोश के साथ फ्रेडरिक बर्जिअस को भी दिया गया। इन्होंने रसायन के उच्च दबाव का तरीका खोजा और विकसित किया।

फ्रेडरिक बर्जिअस

Friedrich Bergius

पुरस्कार वर्ष 19.51

जन्म 11 अक्तूबर, 1854

मृत्यु 50 मार्च, 1949

राष्ट्रीयता : जर्मन

            जर्मनी के इस वैज्ञानिक ने कैमिकल हाई प्रेशर के तरीके का पता लगाया और उसे विकसित किया।

इविंग लैंगम्यूर

Irving Langmuir

पुरस्कार वर्ष 1992

जन्म 31 जनवरी, 1881

मृत्यु 16 अगस्त, 1957

राष्ट्रीयता :अमरीकी

             इविंग लेंगम्यूर ने जैव रसायन विज्ञान के नये द्वार खोले। इन्होंने ठोस और तरल पदार्थों के ऊपर के भाग में सूक्ष्म अणुओं की तह होने और उनके आपसी संघर्ष का पता लगाया और इस विषय के विशद विवेचन के कारण इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया।

● 1933 में रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया।

हैराल्ड उरे

Harold Urey

पुरस्कार वर्ष 1934

जन्म : 29 अप्रैल, 1893

मृत्यु : 5 जनवरी, 1981

           इन्होंने हाइड्रोजन के और अधिक भारी स्वरूप का पता लगाया। इस अधिक भारी स्वरूप को (duterium) ड्यूटीरियम कहते हैं। इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फ्रेडरिक जोलिअट

Frederik Joliot

पुरस्कार वर्ष 1985

जन्म : 19 मार्च, 1900

मृत्यु 14 अगस्त, 1958

राष्ट्रीयता : फ्रेंच

            फ्रांस के इस वैज्ञानिक ने न्यूट्रोन की खोज की। इस खोज के साथ इन्होंने पहले-पहल कृत्रिम रेडियोधर्मिता का परीक्षण भी किया। इन्हीं कारणों से इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया।

इरने जोलिअट क्यूरी

Irne Joliot Curie

पुरस्कार वर्ष 1985

जन्म: 12 सितम्बर, 1897

मृत्यु : 17 मार्च, 1956

          इन्हें 1935 का रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार अपने पति फ्रेडरिक जोलिअट के साथ न्यूट्रान की खोज और कृत्रिम रेडियोधर्मिता का पता लगाने के लिए दिया गया।

पीटर जोसफ विलियम देबाय

Peter Joseph William Debye

पुरस्कार वर्ष 1986

जन्म: 24 मार्च, 1884

मृत्यु : 2 नवम्बर, 1966

           इन्होंने अणु में ऐसे क्षणों का पता लगाया जब पाजिटिव चार्ज नेगेटिव चार्ज के ऊपर होने के कारण पृथक हो जाता है। इस बात का अध्ययन भी इन्होंने किया कि एक्स-किरणें और प्रकाश गैस में फैलते हैं। इसीलिए इन्हें पुरस्कृत किया गया।

सर वाल्टर नॉर्मन हावर्थ

Sir Walter Norman Haworth

पुरस्कार वर्ष 1937

जन्म 19 मार्च, 1883

मृत्यु 19 मार्च, 1950

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

            ब्रिटेन के इस रसायन शास्त्री को इसलिए नोबेल पुरस्कार दिया गया कि इन्होंने कार्बोहाइड्रेट्स की रासायनिक संरचना के साथ विटामिन सी की रचना का अध्ययन और निर्धारण

पाल कारेर

Paul Karrer

पुरस्कार वर्ष 19.37

जन्म: 21 अप्रैल, 1889

मृत्यु 18 जून, 1971

राष्ट्रीयता: स्विस

            स्विटजरलैण्ड के इस रसायन शास्त्री को इसलिए नोवेल पुरस्कार दिया गया कि इन्होंने पौधों के विभिन्न भागों के रंगद्रव्यों (carotenoids), उनके रसायन मिश्रणों और विटामिन की संरचना का पता लगाया।

रिचर्ड कुछ

Richard Kuhn

पुरस्कार वर्ष 1938

जन्म 3 दिसम्बर, 1900

मृत्यु 1 अगस्त, 1967

राष्ट्रीयता जर्मन / आस्ट्रियन

              इन्हें भी पौधों के विभिन्न भागों के रंगद्रव्यों और विटामिनों की संरचना के संबंध में विशिष्ट कार्य करने के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

एडोल्फ फ्रेडरिक जोहान बटनाण्ट

Adolf Friedrick Johann Butenandt

पुरस्कार वर्ष 1939.

जन्म 24 मार्च, 1903

राष्ट्रीयता : जर्मन

             1939 में नोबेल पुरस्कार दो व्यक्तियों को दिया गया। एडोल्फ फ्रेडरिक ने सेक्स (यौन) क्रिया से संबंधित हार्मोन्स एस्ट्रोन 1929, एण्ड्रोस्टिरोन 1931 और प्रोजस्टिरोन 1934

लिओपोल्ड रुज़िका

Loepold Ruzicka

पुरस्कार वर्ष 1939

जन्म 13 सितम्बर 1887

राष्ट्रीयता : स्विस

            स्विट्जरलैण्ड के इस रसायन विज्ञानी को बटनाण्ट के साथ नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने पौधों के प्रमुख तेलीय तत्वों का पता लगाया जिन्हें हाइड्रोकार्बन कहते हैं। यह तत्व छल्लेनुमा अणुओं के रूप में होते हैं।

● 1940, 1941 और 1942 में रसायन शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार नहीं दिए

जार्ज डी हेवेसी

George de Hevesy

पुरस्कार वर्ष 1943

जन्म 1 अगस्त, 1885

मृत्यु 5 जुलाई, 1966

राष्ट्रीयता : हंगरी

           हंगरी के इस रसायन शास्त्री ने आइसोट्रॉपिक (isotropic) ट्रेसर तकनीक का विकास किया जिससे जीवन प्रक्रिया की रसायन स्थिति को समझने में सहायता मिली।

आटो हॉन

Otto Hahn

पुरस्कार वर्ष 1944

जन्म 8 मार्च, 1879

मृत्यु: 28 जुलाई, 1968

राष्ट्रीयता : जर्मन

           इस जर्मन वैज्ञानिक को 1944 का नोबेल पुरस्कार इसलिए दिया गया कि इन्होंने अणु के भारी केन्द्रकों के विखण्डन का पता लगाया।

अर्टयूरी इलमारी विर्टानन

Artturi Ilmari Virtanen

पुरस्कार वर्ष 1915

जन्म 15 जनवरी, 1895

मृत्यु : 11 नवम्बर, 1979

राष्ट्रीयता : फिनलैण्ड

          फिनलैण्ड के इस वैज्ञानिक ने पशुओं के चारे को संरक्षित अथवा लंबी अवधि तक सुरक्षित रखने की विधि खोज निकाली। इस विधि की आवश्यकता उन क्षेत्रों के लिए आवश्यक है, जहां लंबी अवधि तक सरदी पड़ती है।

जान हावर्ड नार्थप

John Howard Norhrop

पुरस्कार वर्ष 1946

मृत्यु 27 मई, 1987

जन्म: 5 जुलाई, 1891

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           अमरीका के इस रसायन विज्ञानी के साथ डब्ल्यू. एम. स्टेनले और जे. बी. समर को भी 1946 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने कुछ एन्जाइमों को क्रिस्टल रूप देने में सफलता प्राप्त की।

वेनडेल मेरडिथ स्टैनले

Wendell Meredith Stanley

पुरस्कार वर्ष 1946

जन्म : 16 अगस्त, 1901

मृत्यु : 15 जून, 1971

राष्ट्रीयता : अमरीकी

          जीवाणुओं को शुद्ध करने और उन्हें क्रिस्टल रूप देने के कारण इन्हें 1946 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इनके कार्य से जीवाणुओं के अणु-ढांचे को समझने में सहायता मिली।

जेम्स बैचलर समनर

James Batcheller Sumner

पुरस्कार वर्ष 1946

जन्म 19 नवम्बर, 1887

मृत्यु 12 अगस्त, 1955

राष्ट्रीयता : अमरीकी

              इन्हें पहली बार एन्जाइम को क्रिस्टल रूप में परिवर्तित करने के कारण नोबेल पुरस्कार दिया गया। इससे एन्जाइन के प्रोटीन स्वरूप को समझने में सहायता मिली।

सर राबर्ट रॉबिन्सन

Sir Robert Robinson

पुरस्कार वर्ष 1947

जन्म 13 सितम्बर, 1886

मृत्यु 8 फरवरी, 1975

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

            ब्रिटेन के इस रसायन शास्त्री ने पौधों से संबंधित जीवन | विज्ञान पर अनुसंधान कार्य किया। उन्होंने पौधों से उत्पन्न नाइट्रोजन युक्त मलेरियारोधी कुछ दवाएं बनाना संभव हुआ। जैव सम्मिश्रणों पर भी कार्य किया जिससे

आर्ने विल्हेम कॉरिन टिसेलिअस

Arne Wilhelm Kaurin Tiselius

पुरस्कार वर्ष 1948

जन्म 10 अगस्त, 1902

मृत्यु 29 अक्तूबर, 1971

राष्ट्रीयता : स्वीडन

              स्वीडन के इस रसायन शास्त्री को रक्त सीरम में रसायन के रूप में एक जैसी प्रोटीनों को पृथक करने के लिए इलैक्ट्रोफोरेटिक (electrophoretic-विद्युत क्षेत्र के प्रभाव के अधीन किसी तरत में जैवकणों की गति) उपाय अपनाने के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया।

विलियम फ्रांसिस गिआक

William Francis Giauque

पुरस्कार वर्ष 1949

जन्म: 12 मई, 1895

मृत्यु 28 मार्च, 1982

राष्ट्रीयता : अमरीकी

             अमरीका के इस रसायन विज्ञानी ने चरम शून्य तापमान (-273° सी) की स्थिति में द्रव्य के गुण, धर्म और स्वभाव का अध्ययन किया और इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार मिला।

कुर्त एल्डर

Kurt Alder

पुरस्कार वर्ष 1950

जन्म 10 जुलाई, 1902   

मृत्यु 20 जून, 1958

राष्ट्रीयता : जर्मन

           1950 का नोबेल पुरस्कार कुर्त एल्डर के साथ ऑटो पाल हरमान डील्स को भी दिया गया। इन्होंने जो कार्य किया उसकी प्रतिक्रिया से अनेक प्रकार के रिंग यौगिक तैयार किये जा सकते हैं।

ऑटो पाल हरमान डील्स

Otto Paul Hermann Diels

पुरस्कार वर्ष 1950

 जन्म 23 जनवरी, 1876

मृत्यु 7 मार्च, 1954

राष्ट्रीयता : जर्मन

दोनों जर्मन वैज्ञानिकों, ऑटो पाल हरमान डील्स और एल्डर के कार्य को दोनों के संयुक्त नाम ‘डील्स एल्डर’ से जाना जाता है। दोनों को संयुक्त रूप से 1950 का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

एडविन मैटिसन मैकमिलन

Edwin Mattison McMillan

पुरस्कार वर्ष 1951

जन्म 18 सितम्बर, 1907

राष्ट्रीयता : अमरीका

           एडविन मैटिसन के साथ ग्लैन टी. सीबोर्ग को भी 1951 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। एडविन मैकमिलन ने नेष्ट्यू तत्व की खोज की थी। यूरेनियम से भारी यह पहला तत्व था जिसकी खोज की गई।

ग्लेन थियोडोर सीबोर्ग

Glenn Theodore Seaborg

पुरस्कार वर्ष 1951

जन्म : 19 अप्रैल, 1912

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           ग्लेन थियोडोर सीबोर्ग को एडविन मैटिसन के साथ 1951का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इनका प्रमुख कार्य था यूरेनियम से भारी तत्व को पहचानना और इससे उसे अलग करना-जिसे नैप्ट्यूनियम तत्व कहते हैं।

आर्चर जॉन पोर्टर मार्टिन

Archer John Porter Martin

पुरस्कार वर्ष 1952

जन्म: 1 मार्च, 1910

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

            ब्रिटेन के इस रसायन वैज्ञानिक को ब्रिटेन के ही रिचर्ड लारेन्स के साथ 1952 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने क्रोमेटोग्राफी को विकसित किया। इससे रसायन चिकित्सा और जीव विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान के अवसर प्राप्त हुए।

रिचर्ड लारेन्स मिलिंगटन

Richard Laurence Millington

पुरस्कार वर्ष 1952

जन्म 28 अक्तूबर, 1914

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

           ब्रिटेन के इस वैज्ञानिक को आर्थर मार्टिन के साथ 1952 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने पार्टिशन क्रोमेटोग्राफी का विकास किया। इसे पेपर क्रोमेटोग्राफी भी कहते हैं। क्रोमेटोग्राफी का अर्थ एक मिश्रण में दो तत्वों को अलग करना है।

हरमान स्टौडिंगर

Hermann Staudinger

पुरस्कार वर्ष 1958

जन्म: 23 मार्च, 1881

मृत्यु: 8 सितम्बर, 1965

राष्ट्रीयता जर्मन

जर्मनी के इस रसायन वैज्ञानिक ने जो कार्य किया उससे प्लास्टिक के विकास में सहायता मिली। इसे मैक्रोमोलिक्युलर (Macromolecular) रसायन विज्ञान कहते हैं।

लाइनस कार्ल पालिंग

Linus Carl Pauling

पुरस्कार वर्ष 1954

जन्म: 28 फरवरी, 1901

मृत्यु : 1981

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। एक बार रसायन विज्ञान में (1954) और दूसरी बार 1962 में शान्ति पुरस्कार प्राप्त हुआ। इन्होंने अणुओं की संरचना के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया।

विन्सेण्ट डू विगनियूड

Vincent Du Vigneaud

पुरस्कार वर्ष 1955

जन्म 18 मई, 1901

मृत्यु 11 दिसम्बर, 1978

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी वैज्ञानिक ने ऑक्सिटोसिन (Oxytoocin मिटमुटरी ग्रंथी से निकलने वाले वे हार्मोन जिनसे बच्चा पैदा होने के समय गर्भाशय सिकुड़ता और स्तनों में दूध उतरता है) और वासो प्रोटीन हार्मोन्स की बनावट का पता लगाया और उन्हें संश्लेषित भी किया।

सर सिरिल नार्मन हिंशेलवुड

Sir Cyril Norman Hinshelwood

पुरस्कार वर्ष 1956

जन्म 19 जून, 1887

मृत्यु 9 अक्तूबर, 1967

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

           इस ब्रिटिश रसायन विज्ञानी के साथ रूस के सेमेनोव को भी नोबेल पुरस्कार दिया गया। सर हिंशेलवुड ने हाइड्रोजन और आक्सीजन को पानी बनाने के लिए मिलाने पर होने वाली प्रतिक्रिया का अध्ययन किया।

निकोले निकोलाइविच सेमेनोव

Nikolay Nikolayevich Semenov

पुरस्कार वर्ष 1956.

जन्म 1896

राष्ट्रीयता : रूसी

            इन्हें ब्रिटेन के सर हिंशेलवुड के साथ 1956 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्हें रसायन की प्रतिक्रिया को मापने और उसका अध्ययन करने (kinetics) के लिए पुरस्कृत किया

सर अलेक्जेण्डर आर. टॉड

Sir Alexander R. Todd

पुरस्कार वर्ष 1957

जन्म 2 अक्तूबर, 1907

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

            इस ब्रिटिश रसायन शास्त्री ने न्यूक्लिओटाइड, | न्यूक्लिओसाइड तथा न्यूक्लिओटाइड के सहयोगी एन्जाइमों की संरचना का अध्ययन और संश्लेषण किया। यह कार्य जीन्स की कार्य पद्धति को समझने में सहायक होता है।

फ्रेडरिक सेन्गर

Frederick Sanger

पुरस्कार वर्ष 1958

जन्म : 18 अगस्त, 1918

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

            ब्रिटेन के इस रसायन वैज्ञानिक को रसायन विज्ञान में दो बार नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। इस वर्ष का पुरस्कार इन्सुलिन के अणुओं की संरचना को सुनिश्चित करने के लिए दिया गया।

जारोस्लाव हेरोवस्की

Jaroslav Heyrovsky

पुरस्कार वर्ष 1959

जन्म 20 दिसम्बर, 1890

मृत्यु 27 मार्च, 1967

राष्ट्रीयता : चेक

            पूर्व चेकोस्लोवाकिया के इस रसायन शास्त्री ने रसायन विश्लेषकों के लिए एक यन्त्र बनाया और उसका विकास किया। यंत्र की इस विधा को पोलरोग्राफी कहते हैं। इससे रसायनों की जांच का काम सरल हुआ। इसीलिए इन्हें पुरस्कृत किया गया।

विल्लार्ड फ्रैंक लाइबी

Villard Frank Libby

पुरस्कार वर्ष : 1960

जन्म 17 दिसम्बर, 1908

मृत्यु: 8 सितम्बर, 1980

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी वैज्ञानिक ने एक ऐसी तकनीक का विकास किया जिसे रेडियोधर्मी कार्बन-14 डेटिंग तकनीक कहते हैं। यह उपकरण वास्तुकारों, मानव विज्ञानियों और भूमि संबंधी वैज्ञानिकों के बहुत काम आता है। इसलिए इन्हें पुरस्कृत किया गया।

मेल्विन कैल्विन

Melvin Calvin

पुरस्कार वर्ष 1961

जन्म : 8 अप्रैल, 1911

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी रसायन शास्त्री को इसलिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ कि इन्होंने प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में (विशेष रूप से पोधों में) रसायन प्रक्रिया कैसे होती है, का पता लगाया।

सर जान काउड्री केंड्रयू

Sir John Cowdery Kendrew

पुरस्कार वर्ष 1962

जन्म: 24 मार्च, 1917

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

            रसायन में 1962 का नोबेल पुरस्कार ब्रिटेन के सर जान कौडरी के साथ मैक्स फर्डीनेण्ड को भी दिया गया। इन्होंने मास पेशियों की प्रोटीन जिसे माइओग्लोबिन (Myoglobin) कहते हैं, की संरचना का अध्ययन किया।

मैक्स फर्डीनेण्ड पेरूत्ज़

Max Ferdinand Perutz

पुरस्कार वर्ष 1962

जन्म: 19 मई, 1914

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

           इस आस्ट्रियन ब्रिटिश रसायन शास्त्री ने प्रोटीन कणों,विशेष रूप से हेमोग्लोबिन प्रोटीन कणों की संरचना का अययन किया। इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कार्ल ज़ीगलर

Karl Ziegler

पुरस्कार वर्ष 1963

जन्म 26 नवम्बर, 1898

मृत्यु : 12 अगस्त, 1973

राष्ट्रीयता : जर्मन

           जर्मनी के इस रसायन विज्ञानी के साथ इटली के गुलियो नाता को भी 1963 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने प्लास्टिक को और अधिक विकसित रूप देने के लिए काम किया।

गुलिओ नाता

Giulio Natta

पुरस्कार वर्ष 1963

जन्म 26 फरवरी, 1903

मृत्यु 2 मई, 1979

राष्ट्रीयता :  इटली

           इटली के इस रसायन विज्ञानी को बढ़िया प्लास्टिक तैयार करने के लिए उत्तम पोलिमर (अधिक बड़े अणु वाला) का उपयोग के लिए, जिससे फिल्म, प्लास्टिक, फाइबर और सिंथेटिक रबड़ तैयार होते हैं, पुरस्कार दिया गया।

डोरोथी क्रोफुट हॉजकिन

Dorothy Crowfoot Hodgkin

पुरस्कार वर्ष 1964

जन्म : 12 मई, 1910

राष्ट्रीयता :  ब्रिटिश

           मिस्र में जन्मी ब्रिटेन की इस रसायन विज्ञानी महिला ने विटामिन बी की संरचना के स्वरूप को सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। विटामिन बी एक बहुत ही जटिल गैर प्रोटीन यौगिक है। इसीलिए 1964 का नोबेल पुरस्कार इन्हें प्राप्त हुआ।

राबर्ट बर्न्स वुडवर्ड

Robert Burns Woodward

पुरस्कार वर्ष 1965

जन्म : 10 अप्रैल, 1917

मृत्यु : 8 जुलाई, 1979

राष्ट्रीयता :अमरीकी

            इस अमरीकी रसायन विज्ञानी ने कुछ बहुत ही कठिन जैव तत्वों का निर्माण किया। इनमें कुनेन (1944), कोलस्टरोल और कार्टिज़ोन (1951) भी सम्मिलित हैं। इन्होंने 1971 में विटामिन बी का भी निर्माण किया। इसीलिए इन्हें पुरस्कृत किया गया।

राबर्ट सैण्डरसन मल्लिकेन

Rober Sanderson Mulliken

पुरस्कार वर्ष 1966

जन्म 7 जून, 1896

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी रसायन शास्त्री ने अणुओं के इलेक्ट्रानिक ढांचे और उनके आपसी रासायनिक बन्धों की दिशा में खोज का महत्वपूर्ण कार्य किया। इसीलिए इन्हें इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ।

मैनफ्रेड आइजन

Manfred Eigen

पुरस्कार वर्ष 1967

जन्म 9 मई, 1927

राष्ट्रीयता : जर्मन

           जर्मनी के इस वैज्ञानिक के साथ आर. जी. डब्ल्यू नोरिज और सर जार्ज पोर्टर को भी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन्होंने तेजी से होने वाली रसायन प्रतिक्रिया को जानने के उपाय का विकास किया और उससे काम लेना भी आरंभ किया।

रोनाल्ड जॉर्ज रेफोर्ड नोरिश

Ronald George Wreyford Norrish

पुरस्कार वर्ष 1967

जन्म : 9 नवम्बर, 1897

मृत्यु 7 जून, 1978

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

            ब्रिटेन के इस रसायन विज्ञानी को अन्य दो वैज्ञानिकों के साथ नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने अत्यन्त तेजी से होने वाली रासायनिक प्रतिक्रिया का अध्ययन किया।

सर जार्ज पोर्टर

Sir George Porter

पुरस्कार वर्ष 1967

जन्म 6 दिसम्बर, 1920

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

            ब्रिटेन के सर जार्ज पोर्टर को मेनफ्रेड आइजन और नोरिश के साथ 1967 का नोबेल रसायन पुरस्कार अत्यन्त तेज़ी से होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए

लार्स ओनसागर

Lars Onsager

पुरस्कार वर्ष 1968

जन्म 27 नवम्बर, 1903

मृत्यु 5 अक्तूबर, 1976

राष्ट्रीयता : नार्वे अमरीकी

             मूलतः नार्वे के इस अमरीकी वैज्ञानिक ने अत्यन्त आवश्यक रासायनिक प्रक्रियाओं में ऊष्मा गतिकी (Thermo dynamies) के सिद्धान्त का सामान्य रूप से प्रतिपादन किया। इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया।

सर डेरेक हेराल्ड रिचर्ड बार्टन

Sir Derek Harold Richard Barton

पुरस्कार वर्ष 1969

जन्म 8 सितम्बर, 1918.

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

            इस ब्रिटिश वैज्ञानिक के साथ नार्वे के ऑडहैसल को भी 1969 का नोबेल रसायन पुरस्कार दिया गया। इन्होंने कुछ जैव मिश्रणों के तीन आयामों वाले (Three dimen sional) स्वरूप का निर्धारण सुनिश्चित किया। इसे कन्फर्मेशनल विश्लेषण कहा जाता है।

ऑड हैसल

Odd Hassel

पुरस्कार वर्ष 1969

जन्म: 17 मई, 1897

मृत्यु 11 मई, 1981

राष्ट्रीयता : नार्वे

             नार्वे के इस रसायन शास्त्री को कुछ जटिल जैव अणुओं के ज्यामितीय तीन आयामों वाले स्वरूप को सुनिश्चित करने के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। इससे अणु संरचना के आधुनिक सिद्धान्त को परिवर्तित करने में सहायता प्राप्त हुई।

लुईस फ्रेडरिको लेलोअर

Luis Frederico Leloir

पुरस्कार वर्ष : 1970

जन्म 6 सितम्बर, 1906

राष्ट्रीयता : अर्जेन्टीनी

           अर्जेण्टीना के इस रसायन विज्ञानवेत्ता को इसलिए नोवेत पुरस्कार प्राप्त हुआ कि इन्होंने जटिल शर्कराओं को सरल कार्बोहाइड्रेट्स में परिवर्तित करने में सफलता प्राप्त की।

गेरहार्ड हर्ज़बर्ग

Gerhard Herzberg

पुरस्कार वर्ष 1971

जन्म: 25 दिसम्बर, 1904

राष्ट्रीयता : जर्मन कनाडियन

           इन्होंने अणुओं के ढांचे, विशेषतः अपरिवर्तित अणु अथवा अणु समूह जो एक अथवा अधिक इलेक्ट्रानयुक्त (Free radicals) होता है, के ज्यामितीय और इलैक्ट्रानिक स्वरूप को सुनिश्चित करने के लिए काम किया और नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया।

क्रिश्चियन बोहमर एन्फिन्सेन

Christian Boehmer Anfinsen

पुरस्कार वर्ष 1972

जन्म 26 मार्च, 1916

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी वैज्ञानिक ने अणुओं के ढांचे और प्रोटीनों की जैव प्रक्रिया के आपसी संबंध के विषय में खोज की। इनके साथ मि. मूर और विलियम स्टीन ने नोबेल पुरस्कार में भागीदारी की।

स्टानफोर्ड मूर

Stanford Moore

पुरस्कार वर्ष 1972

जन्म : 4 सितम्बर, 1913

मृत्यु 28 अगस्त, 1982

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी रसायन विज्ञानी और विलियम स्टीन तथा क्रिश्चियन एन्फिन्सेन ने प्रोटीनों के अणु ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया। इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विलियम एच. स्टीन

William H. Stein

पुरस्कार वर्ष 1972

जन्म 25 जून, 1911

मृत्यु 2 फरवरी, 1980

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           यह भी अमरीकी रसायन शास्त्री थे। इन्होंने दो अन्य वैज्ञानिकों के साथ प्रोटीनों की आणविक संरचना के संबंध में कार्य किया और नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया।

अर्न्स्ट ऑटो फिर

Ernst Otto Fischer

पुरस्कार वर्ष 1973

जन्म 10 नवम्बर, 1918

राष्ट्रीयता : जर्मन

          जर्मनी के इस रसायन शास्त्री ने आर्गेनोमेटैलिक रसायन विज्ञान पर कार्य किया। इन्हें सर ज्योफ्रे विलकिंसन के साथ 1973 का नोबेल पुरस्कार दिया गया।

सर ज्योफ्रे विल्किन्सन

Sir Geoffrey Wilkinson

पुरस्कार वर्ष 1973

जन्म 14 जुलाई, 1921

        1973 का नोबेल पुरस्कार तो विल्किन्सन और ऑटो फिशर को संयुक्त रूप से मिला परंतु दोनों ने आर्गेनोमेटेलिक रसायन (धातु युक्त जीव अथवा अंग) पर स्वतंत्र रूप से कार्य किया।

पाल जान फ्लोरी

Paul John Flory

पुरस्कार वर्ष 1974

जन्म 19 जून, 1910

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी रसायन शास्त्री ने कृत्रिम और प्राकृतिक सूक्ष्म अणुओं के संबंध में अनुसंधान कार्य किया। इसीलिए इन्हें 1974 में नोबेल पुरस्कार दिया गया।

सर जान वारकप कार्नफोर्थ

Sir John Warcup Cornforth

पुरस्कार वर्ष : 1917

जन्म: 7 सितम्बर, 1917

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

           इन्होंने एन्जाइम की उठोरक प्रतिक्रिया की स्टीरियो कैमिस्ट्री (कैमिस्ट्री की एक शाखा जिसमें अणुओं की तीन आयामी व्यवस्था होती है) पर कार्य किया। इन्हें ब्लादीमीर प्रेलॉग के साथ 1975 का नोबेल रसायन पुरस्कार प्राप्त हुआ।

व्लादीमीर प्रेलॉग

Vladimir Prelog

पुरस्कार वर्ष 1975

जन्म: 28 जुलाई, 1906

राष्ट्रीयता : युगोस्लाव स्विस

           सर जान वारकप कार्नफोर्थ के साथ इन्हें भी स्टीरियो केमिस्ट्री पर कार्य करने के लिए 1975 का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। ये मूलतः यूगोस्लाविया के थे पर बाद में इन्होंने स्विटजरलैण्ड की नागरिकता ले ली।

विलियम नन लिप्सकांब जूनियर

William Nunn Lipscomb Jr.

पुरस्कार वर्ष 1976

जन्म 9 दिसम्बर, 1919

राष्ट्रीयता : अमरीकी

          इस अमरीकी वैज्ञानिक ने बोरेन की संरचना के संबंध में कार्य किया। इन्होंने अणुओं के आपसी संबंध की समस्याओं पर भी अध्ययन किया। इसीलिए इन्हें 1976 का रसायन नोबेल पुरस्कार दिया गया।

इल्या प्रिगोगाइन

Ilya Prigogine

पुरस्कार वर्ष 1977

जन्म 1917 (मास्को)

राष्ट्रीयता : बेल्जियम

           बेल्जियम के इस रसायन विज्ञानी ने ऊष्मा गतिकी (Thermodynamics) से संबंधित डिसिपेटिव व्यवस्था द्वारा इसे व्यापक क्षेत्र में प्रयोग योग्य बनाया। इस प्रकार इसका उपयोग समाज विज्ञान, परिस्थिति विज्ञान और जनसांख्यिकी के योग्य भी बनाया।

पीटर डी. मिचेल

Peter D. Mitchell

पुरस्कार वर्ष 1978

जन्म 29 सितम्बर, 1920

राष्ट्रीयता:  ब्रिटिश

          ब्रिटेन के इस रसायन शास्त्री ने इस समस्या को समझने में योग दिया कि जीवन व्यवस्था में ऊर्जा स्थानांतरिक होती है। इन्होंने व्याख्या की कि किस प्रकार जीवित प्राणी में कोशिकाएँ उस तक आक्सीजन और सूर्य के प्रकाश को स्थानांतरित करती हैं।

हर्बर्ट सी. ब्राउन

Herbert C. Brown

पुरस्कार वर्ष 1979

जन्म: 22 मई, 1912

राष्ट्रीयता : अमरीकी

            इस अमरीकी वैज्ञानिक के साथ जर्मनी के जार्ज विटिंग को भी 1979 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने आर्गेनिक केमिस्ट्री में बोरोन युक्त मिश्रणों के प्रतिक्रिया करने वाले तत्वों या फोर्स (reagents) के रूप में उपयोग को विकसित किया।

जार्ज विटिंग

Gerog Wittig

पुरस्कार वर्ष 1979

जन्म 1897 (बर्लिन)

मृत्यु 26 अगस्त, 1987

         इन्होंने जैव रसायन में फास्फोरस युक्त मिश्रणों के प्रतिक्रिया करने वाले तत्वों के साथ उपयोग को विकसित किया। इन्हें हर्बर्ट सी. ब्राउन के साथ नोबेल पुरस्कार दिया गया।

पाल बर्ग

Paul Berg

पुरस्कार वर्ष 1980

जन्म 30 जून, 1926

         पाल वर्ग के साथ वाल्टर और सेंगर को भी 1980 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इनके कार्य से पुर्नसम्मिश्रण डी. एन. ए तकनीक संभव हो सकी। इन्होंने न्यूक्लिअक एसिड के जैव रसायन का अध्ययन भी किया।

वाल्टर गिलबर्ट

Waler Gilbert

पुरस्कार वर्ष 1980

जन्म 1982

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           वाल्टर गिलबर्ट ने पाल बर्ग और फ्रेडरिक सेनगर के साथ न्युक्लिअक एसिड (डी एन ए अथवा आर एन ए आदि जटिल कणों का मिश्रण) के क्रम का पता इसलिए लगाया जिससे डी एन ए की संरचना के रसायन और जैव विश्लेषण को विकसित किया जा सके।

फ्रेडरिक सेनगर

Frederick Sanger

पुरस्कार वर्ष 1980

जन्म 13 अगस्त, 1918

राष्ट्रीयता :  ब्रिटिश

           रसायन विज्ञान में इन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने भी डी एन ए की जैव और रसायन संरचना प्रक्रिया को विकसित करने में योग दिया। पहला नोबेल पुरस्कार इन्हें 1958 में इन्सुलिन के संबंध में दिया गया था।

केनिची फुकुई

Kenichi Fukui

पुरस्कार वर्ष 1981

जन्म 1 अक्तूबर, 1978

राष्ट्रीयता : जापान

            जापान के इस रसायन शास्त्री ने परमाणु के दांव में परिवर्तन प्रक्रिया (chemical rectiun) की व्याख्या की। इनके कार्य ने क्वांटम सिद्धान्त के आधार पर परमाणु के व्यवहार का स्पष्टीकरण किया।

रोआल्ड हाफमान

Roald Hoffmann

पुरस्कार वर्ष 1981

जन्म 18 जुलाई, 1937

राष्ट्रीयता: अमरीकी

            इस अमरीकी रसायन शास्त्री को भी 1981 का रसायन नोबेल पुरस्कार दिया गया। इनका कार्य भी रासायनों की प्रतिक्रिया की व्याख्या से संबंधित था, जैसा कि जापानी वैज्ञानिक फुकुई ने भी किया। परन्तु दोनों ने स्वतंत्र रूप से कार्य किया।

आरोन क्लुग

Aaron Klug

पुरस्कार वर्ष 1982

जन्म 11 अगस्त, 1926

राष्ट्रीयता :  ब्रिटिश

           ब्रिटेन के इस रसायन शास्त्री ने क्रिस्टल के स्वरूप और ढांचे के निर्धारण के लिए इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के प्रयोग को विकसित किया। इन्होंने जीवन के लिए आवश्यक न्यूक्लिक एसिड प्रोटीन मिश्रणों की संरचना पर भी प्रकाश डाला।

हेनरी टौबी

Henry Taube

पुरस्कार वर्ष 1983

जन्म: 30 नवम्बर, 1915

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी वैज्ञानिक ने इलेक्ट्रान को स्थानांतरित करने पर होने वाली प्रतिक्रिया, विशेष रूप से धातु में, की यांत्रिक क्रिया पर कार्य किया। इनके कार्य ने अजैव आक्सीकरण और न्यूनन प्रतिक्रिया सिद्धान्त में भारी परिवर्तन कर दिया।

राबर्ट ब्रूस मेरीफील्ड

Robert Bruce Merrifield

पुरस्कार वर्ष 1984

जन्म 1921

राष्ट्रीयता : अमरीकी

          इस  अमरीकी वैज्ञानिक को 1984 का रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार इसलिए दिया गया कि इन्होंने ठोस मैट्रिक्स पर रसायन संश्लेषण को विकसित किया। इन्होंने प्रोटीन संश्लेषण को यंत्र चालित किया। आज यह कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित है।

जेरोम कार्ले

Jerome Karle

पुरस्कार वर्ष 1985

राष्ट्रीयता : अमरीकी

          इन्होंने अणु के तीन आयामी स्वरूप के निर्धारण का गणितीय तरीका विकसित किया जिसे डायरेक्ट मेथड भी कहते हैं। इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया।

हर्बर्ट हॉप्टमैन

Herbert Hauptman

पुरस्कार वर्ष 1985

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी वैज्ञानिक को भी जेरोम कार्ले के साथ अणु के तीन आयामी ढांचे के निर्धारण के लिए गणितीय तरीका (डायरेक्ट मेथड) निकालने के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

डडले हर्शबैक

Dudley Herschbach

पुरस्कार वर्ष 1986

राष्ट्रीयता : अमरीकी

            इस अमरीकी वैज्ञानिक को युआन ली और जान चार्ल्स पोलान्यी के साथ नोबेल पुरस्कार इसलिए दिया गया कि इन्होंने रसायन में अनुसंधान के नये क्षेत्र में कार्य किया।

युआन ली

Yuan Lee

पुरस्कार वर्ष 1986

राष्ट्रीयता : चीनी

         इस चीनी वैज्ञानिक को डडले हर्शबैक और जान चार्ल्स पोलान्यी के साथ रसायन में अनुसंधान के नए क्षेत्र में कार्य के लिए 1986 का नोबेल पुरस्कार दिया गया।

जान चार्ल्स पोलान्यी

John Charles Polanyi

पुरस्कार वर्ष 1986

 जन्म: 23 जनवरी, 1929

राष्ट्रीयता : कनाडियन/ जर्मनी

           पोलान्यी को दो रसायनज्ञों के साथ रसायन अनुसंधान के नये क्षेत्र में कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने सायन प्रतिक्रिया के समय प्रकाश निकलने की प्रक्रिया भी विकसित की।

डोनाल्ड जे. क्रैम

Donald J. Cram

पुरस्कार वर्ष 1987

जन्म : 1919

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी वैज्ञानिक के बायोमिमेटिक केमिस्ट्री (bio mimetic = एक जैसी जैव-समानता या एक जैसी क्रिया) क्षेत्र में कार्य करने के लिए पुरस्कार दिया गया। यह रसायन विज्ञान का नया क्षेत्र है जिसमें इस विचार से काम किया गया है कि अणु का तीन आयामी स्वरूप जैव और रसायन क्रियाओं के लिए आवश्यक है।

ज्यां मारी लेहन

Jean Marie Lehn

पुरस्कार वर्ष 1987

राष्ट्रीयता : फ्रांस

          फ्रांस के इस रसायन शास्त्री को डोनाल्ड जे. क्रेम तथा चार्ल्स पेडरसन के साथ नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने कृत्रिम अणु की रचना की जो हार्मोन्स तथा अन्य जैव तत्वों की अनुकृति कर सकता था।

चार्ल्स जे. पेडरसन

Charles J. Pedersen

पुरस्कार वर्ष 1987

जन्म 1904

राष्ट्रीयता : कोरियन अमरीकन है।

            इन्हें डोनाल्ड जे, क्रेम तथा ज्यां मारी लेहन के साथ 1987 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने ऐसे कृत्रिम अणु का निर्माण किया जो अन्य जैव तत्वों के समान कार्य कर सकता VIDYAL ENDRITS

जोहान डीसनहॉफर

Johann Deisenhofer

पुरस्कार वर्ष 1988

जन्म: 30 सितम्बर, 1949

राष्ट्रीयता : जर्मन

           जर्मनी के इस रसायन शास्त्री को राबर्ट हूबर और हार्टमट मिचेल के साथ 1988 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इन्होंने सूर्य की ऊर्जा को जीवधारियों द्वारा उपयोग में लाने की प्रक्रिया से अणु संरचना को स्पष्ट किया। इस प्रक्रिया को फोटो सिन्थेसिस (photo synthesis ) कहते हैं।

राबर्ट हूबर

Robert Huber

पुरस्कार वर्ष 1988

जन्म: 20 फरवरी, 1937

राष्ट्रीयता : जर्मन

           इन्होंने जोहान डीसनहॉफर और हार्टमट मिचेल के साथ जटिल अणु की संरचना को फोटो सिन्थेसिस द्वारा स्पष्ट | किया। इस प्रकार 1988 का नोबेल पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों को दिया गया।

हार्टमट मिचेल

Hartmut Michel

पुरस्कार वर्ष 1988

जन्म: 18 जुलाई, 1948

राष्ट्रीयता : जर्मन

           जर्मनी के इस वैज्ञानिक ने भी अणु की जटिल संरचना को अन्य दो रसायन शास्त्रियों के साथ फोटो सिन्थेसिस प्रक्रिया द्वारा स्पष्ट किया। इन तीनों को इसीलिए नोबेल पुरस्कार दिया. गया।

थामस राबर्ट केश

Thomas Robert Cech

पुरस्कार वर्ष 1989

जन्म 8 दिसम्बर, 1947

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी रसायन विज्ञानी को सिडनी अल्टमैन के साथ 1989 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। दोनों ने स्वतंत्र रूप से आर एन ए के कार्य का पता लगाया-जिसे अब तक केवल आनुवंशिक अणु माना जाता था।

सिडनी अल्टमैन

Sidney Altman

पुरस्कार वर्ष 1989

जन्म 7 मई, 1959

राष्ट्रीयता : कनाडियन

             आर एन ए (Ribonucleic Acid) को अब तक केवल आनुवंशिक अणु माना जाता था। इन्होंने इसकी उत्प्रेरक क्रिया का पता लगाया। इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ।

इलियास जेम्स कोरे

Elias James Corey

पुरस्कार वर्ष 1990.

जन्म: 12 जुलाई, 1928

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           इस अमरीकी वैज्ञानिक ने अनुसंधानशाला में अणुओं के निर्माण का मार्ग खोजा। इन्होंने जैव अणुओं के निर्माण का सिद्धान्त और तरीका विकसित किया। इसीलिए 1990 का नोबेल पुरस्कार इन्हें दिया गया।

रिचर्ड आर. अर्न्स्ट

Richard R. Ernst

पुरस्कार वर्ष 1991

जन्म : 1933

राष्ट्रीयता : स्विस

           स्विटजरलैण्ड के इस रसायन शास्त्री ने न्यूक्लिअर मेगनैटिक रेसोनेन्स (NMR) स्पेक्ट्रोस्कोपी अर्थात् स्पेक्ट्रम विज्ञान को विकसित क्रमबद्ध किया। यह तकनीक रसायन विज्ञान के लिए आवश्यक अंग बन गई। इसीलिए इन्हें 1991 का पुरस्कार दिया गया।

रूडोल्फ ए. मारकस

Rudolf A. Marcus

पुरस्कार वर्ष 1992

जन्म: 21 जुलाई, 1923

राष्ट्रीयता : अमरीकी

            रूडोल्फ मारकस अमरीकी रसायन विज्ञानी हैं। इन्हें 1992 रसायन नोबेल का पुरस्कार दिया गया। इन्होंने इस बात का पता लगाया कि इलेक्ट्रान कणों में कैसे परिवर्तित होते हैं। मारकस के सिद्धान्त से कई बातों का पता लगता है कि कैसे कणों का क्षय होता है, किस प्रकार हरे पौधे सूर्य के प्रकाश को ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं और जुगनुओं में प्रकाश कैसे पैदा होता है आदि। इन्होंने इस संबंध में 1956 से 1965 तक अनेक निबन्ध प्रस्तुत किये।

कैरी बी. मुल्लीस

Kary B. Mullis

पुरस्कार वर्ष 1993

जन्म 28 दिसम्बर, 1914

राष्ट्रीयता : अमरीकी

            केरी मुल्लीस अमरीकी रसायन शास्त्री हैं। इन्हें 1993 का रसायन पुरस्कार दिया गया। इन्होंने जिस दिशा में कार्य किया है उससे जेनेटिक इंजीनियरिंग का तेजी से विकास हुआ है। उनके कार्य और अनुसंधान से यह संभव हो सका है कि डी एन ए का एक छोटा सा कण या रेशा लेकर उसी जैसे अनेक डी एन ए का निर्माण लाखों की संख्या में कुछ ही घण्टों में कर सकते हैं। इनकी इस तकनीक को पोलीमर्स चेन रिएक्शन (PCR) कहते हैं। इससे विषाणु युक्त उन जैव तत्वों को पहचाना जा सकेगा जिनसे एड्स होता है।

माईकेल स्मिथ

Michael Smith

पुरस्कार वर्ष 1993

राष्ट्रीयता : कनाडियन

            माईकेल स्मिथ कनाडा के हैं। इनका संबंध वानकूबर के ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय से है। इनके अनुसंधान से आनुवंशिक नियम डी एन ए रेशे से फिर से निर्धारण किया जा सकता है। इसका अर्थ यह है कि नये गुण धर्म वाली प्रोटीनें तैयार करने की संभावना बढ़ गई है-अर्थात् ऐसी प्रतिरक्षी प्रोटीनों का निर्माण किया जा सकेगा जो कैंसर की कोशिकाओं पर प्रहार कर सकें और ऐसी प्रोटीनों में परिवर्तन कर सकें जो रोग को बढ़ावा देती हैं।

जार्ज ए. ओलाह

George A. Olah

पुरस्कार वर्ष 1994

जन्म 22 मई, 1927

राष्ट्रीयता: अमरीकी

            इस अमरीकी रसायन शास्त्री को 1994 का रसायन में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। इनका संबंध लास एंजेल्स के सदन | कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से है। इन्होंने अत्यन्त तेज एसिडों का पता लगाया जिससे हाइड्रोकार्बन के संशोधन में सहायता मिली और उनका अध्ययन सरल हो गया। अनेक औद्योगिक प्रक्रियाओं का भी इससे पता चला। इससे हेवी सेलों को तोड़ने और तरल कोयले तथा दहन इंजनों में ओल्टेन ईंधन की वृद्धि में सहायता मिली। इससे प्रदूषण भी नहीं बढ़ता। इनका जन्म बुडापेस्ट, हंगरी में हुआ।

पाल क्रूज़न

Paul Crutzen

पुरस्कार वर्ष 1995

राष्ट्रीयता : डच

            रसायन विज्ञान में 1995 में तीन वैज्ञानिकों को पुरस्कार दिया गया। पहले हैं हालैण्ड के पाल क्रूज़न। स्वीडन की पुरस्कार समिति ने पुरस्कार प्रशस्ति में कहा था कि इन्होंने वायुमण्डल संबंधी रसायन विज्ञान के क्षेत्र में कार्य किया। इनके कार्य का संबंध ओज़ोन के बनने और बिगड़ने से है।

मारिओ मोलीना

Mario Molina

पुरस्कार वर्ष 1995

        1995 का रसायन विज्ञान में दूसरा नोबेल पुरस्कार मारिओ को प्राप्त हुआ। इन्होंने भी ने वायुमण्डलीय रसायन विज्ञान के क्षेत्र में कार्य किया। वायुमण्डलीय विज्ञान में ओज़ोन परत का प्रमुख स्थान है। इससे सूर्य के विकिरण से हमारी रक्षा होती है।

एफ. शेरवुड रोलैण्ड

F. Sherwood Roland

पुरस्कार वर्ष 1995

राष्ट्रीयता : अमरीकी

           रसायन में 1995 का पुरस्कार प्राप्त करने वाले यह तीसरे व्यक्ति हैं। यह अमरीकी हैं और इन्होंने भी वायुमण्डलीय रसायन के क्षेत्र विशेष रूप से ओज़ोन के बनने और अव्यवस्थित होने की स्थिति पर कार्य किया।

रिचर्ड ई. स्माले

Richard E. Smale

पुरस्कार वर्ष 1996

जन्म 1948

राष्ट्रीयता : अमरीकी

          इन्हें दो अन्य वैज्ञानिकों के साथ एक नए कार्बन अणु का पता लगाने के लिए सम्मानित किया गया। “कार्बन-60 बकीबॉल” नामक इस अणु के 60 परमाणु होते हैं जो परस्पर फुटबाल की गेंद की शक्ल में जुड़े होते हैं। इस खोज से कार्बन परमाणुओं की युग्मता के विषय में अनेक बातें का पता चल सकेगा।

राबर्ट एफ. कर्ल

Robert F. Kerl

पुरस्कार वर्ष 1996

जन्म : 1998

राष्ट्रीयता : अमरीकी

            कर्ल ने भी “कार्बन-60 बकीबॉल” नामक कार्बन अणु की खोज की। यह एक सर्वथा नए वर्ग का कार्बन अणु है। इसे “फ्यूलरेंस” नाम से भी जाना गया है। इसका कारण इसकी गेंदनुमा संरचना है जो बकमिनिस्टर फ्यूलर द्वारा डिजाइन किए गुम्बदों से काफी मिलती-जुलती है।

सर हेराल्ड डब्ल्यू. क्रोटो

Sir Herald W. Croto

पुरस्कार वर्ष 1996

जन्म 1939

राष्ट्रीयता : ब्रिटिश

           इन्होंने भी “कार्बन 60 बकीबॉल” अणु का पता लगाया। ये इंग्लैण्ड के ससेक्स विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं जबकि पुरस्कार के दो अन्य अमरीकी भागीदार, हाउस्टन स्थित रीत्र विश्वविद्यालय से जुड़े हैं।

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