प्रतिष्ठा तथा राशि दोनों ही दृष्टियों से नोबेल पुरस्कार संसार का सबसे महत्पूर्ण पुरस्कार है। यह इस शताब्दी के आरम्भ से पांच विषयों-भौतिकी, रसायन शास्त्र, चिकित्सा विज्ञान, साहित्य तथा शान्ति के लिए प्रतिवर्ष संसार के सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों को दिया जाता है और 1969 से इसमें अर्थशास्त्र का छठा विषय भी जोड़ दिया गया है। इन पुरस्कारों का चुनाव विशेष रूप से गठित समितियों द्वारा किया जाता है जिनके निर्णयों को बदला नहीं जा सकता।
स्वीडेन के निवासी अल्फ्रेड नोबेल ने 1895 में एक वसीयत करके इन पुरस्कारों का आरंभ किया था जो अगले वर्ष ही उनका देहान्त हो जाने के बाद उनके ही नाम से प्रदान किये जाने लगे। अल्फ्रेड नोबेल वैज्ञानिक थे तथा अपने देश और यूरोप के अन्य कई देशों में उनका शोध कार्य तथा व्यापार चलता था। उन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया था और इसके लिए वे प्रसिद्ध थे।हमरे वेबसाइट नरिया पे आपके लिए नोबेल पुरस्कार के सारे क्रम के अनुसर डाली गई है
शांति नोबेल पुरस्कार(1901 -1996)
ज्यां हेनरी दुनान्त
Jean Henri Dunant
पुरस्कार वर्ष : 1901
जन्म : 8 मई, 1828
मृत्यु : 30 अक्टूबर,1910
राष्ट्रीयता : स्विस
रेड क्रास एक विश्वव्यापी संस्था है जिसका कार्य किसी भी प्रकार परन्तु विशेष रूप से युद्ध संबंधी विपत्ति में फंसे हुए लोगों की सहायता करना है। सबसे पहला नोबेल शान्ति पुरस्कार रेड क्रास के संस्थापक श्री दुनान्त को दिया गया। इन्होंने यंगमैन क्रिश्चियन एसोसिएशन (YMCA) की भी स्थापना की। वे महान् मानवतावादी थे।
फ्रेडरिक पासी
Frederic Passy
पुरस्कार वर्ष : 1901
जन्म : 20 मई, 1822
मृत्यु : 12 जून, 1912
राष्ट्रीयता: फ्रेंच
फ्रेडरिक पासी वैसे तो अर्थशास्त्री थे, परन्तु इसके साथ वे अन्तर्राष्ट्रीय मामलों को आपसी मध्यस्थता द्वारा सुलझाने के पक्षपाती थे। कई मामलों में उनका योगदान भी है। वे विश्व में शान्ति स्थापना की दिशा में क्रीमिया के युद्ध (1853-56) के दौरान सक्रिय भाग लेने लगे। उसके बाद इन्होंने अपना शेष जीवन विश्व शान्ति के प्रयत्न में लगा दिया। वे 1901 के नोबेल शान्ति पुरस्कार के भागीदार थे।
एली ड्युकोमन
Elie Ducommun
पुरस्कार वर्ष : 1902
जन्म : 19 फरवरी, 1833
मृत्यु : 7 अक्टूबर, 1906
राष्ट्रीयता: स्विस
एली ड्युकोमन यूरोप के देशों के संगठन आन्दोलन के महान् समर्थक थे। यह अच्छे पत्रकार थे और विश्व शान्ति संबंधी मामलों पर लिखना इनका महत्त्वपूर्ण कार्य था। वे अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति और स्वतन्त्रता संघ की पत्रिका के संपादक भी थे। विश्व में शान्ति आन्दोलनों के संबंध में इन्होंने अनेक पुस्तकें भी लिखीं।
चार्ल्स अल्बर्ट गोबाट
Charles Albert Gobat
पुरस्कार वर्ष : 1902
जन्म: 21 मई, 1834
मृत्यु : 16 मार्च, 1914
राष्ट्रीयता: स्विस
गोबाट अनेक योग्यताओं तथा प्रतिभाओं से सम्पन्न व्यक्ति थे। वे राजनीतिज्ञ, कुशल प्रशासक, परोपकारी तथा अच्छे लेखक भी थे। वे अनेक अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं में महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे। वे 1902 के विश्व शान्ति नोबेल पुरस्कार में एली ड्युकोमन के भागीदार थे। वे अनेक पुस्तकों के लेखक भी थे।
सर विलियम रेण्डाल क्रेमर
Sir William Randal Cremer
पुरस्कार वर्ष : 1903
जन्म : 18 मार्च, 1838
मृत्यु : 22 जुलाई, 1908
राष्ट्रीयता : ब्रिटिश
इनका अधिकांश जीवन मजदूरों के हितों की रक्षा करने में बीता। ट्रेड यूनियनों से संबद्ध होने के बावजूद वे शान्तिवादी थे और सभी झगड़े, चाहे वे अन्तर्राष्ट्रीय हों अथवा अन्य, आपसी सुलह-सफाई और मध्यस्थता से निपटाने के पक्ष में थे। वे अन्तर्राष्ट्रीय (ब्रिटेन विभाग) मजदूर संघ के सचिव थे। इन्होंने मजदूर शान्ति संघ की स्थापना भी की थी।
अन्तर्राष्ट्रीय विधि संस्थान
Institute of International Law
पुरस्कार वर्ष 1904
यह पहली संस्था थी जिसे नोबेल शान्ति पुरस्कार दिया गया। इसकी स्थापना बेल्जियम में राजनीतिज्ञों और अन्तर्राष्ट्रीय विधि नेताओं ने की थी। इस संस्था की स्थापना में बेल्जियम के डा. ऐलिन का महत्त्वपूर्ण योगदान था। वे वहीं से अन्तर्राष्ट्रीय विधि रिव्यू का सम्पादन भी करते थे। इस संस्था का कार्य अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों की व्याख्या, उन्हें नियमबद्ध करना, उनसे संबद्ध समस्याओं का समाधान और अन्तर्देशीय समस्याओं को सुलझाना था। संस्था ने अन्तर्राष्ट्रीय नियमों से संबंधित एक पुस्तक (Hand Book of Rules and Observances of Warfare) भी प्रकाशित की है।
बर्था वॉन सटनर
Bertha Von Suttner
पुरस्कार वर्ष : 1905
जन्म : 9 जून, 1843
मृत्यु : 21 जून, 1914
राष्ट्रीयता: आस्ट्रियन
यह पहली महिला थीं जिन्हें नोबेल शान्ति पुरस्कार दिया गया। यह अच्छी उपन्यास लेखिका थीं। इनका उपन्यास ‘ले डाउन युअर आर्म्स’ है। यही महिला थीं जिन्होंने एल्फ्रेड नोबेल को शान्ति पुरस्कारों की स्थापना के लिए प्रेरित किया था। इनके उपन्यास की तुलना ‘अंकल टॉम्स केबिन’ (टाम काका की कुटिया) से की जाती है। वे अन्तर्राष्ट्रीय शान्तिवादी पत्रिका की संपादक भी थीं।
थियोडोर रूज़वेल्ट
Theodore Roosevelt
पुरस्कार वर्ष : 1906
जन्म : 27 अक्टूबर, 1858
मृत्यु : 6 जनवरी, 1919
राष्ट्रीयता: अमरीकी
थियोडोर रूज़वेल्ट अमरीका के राष्ट्रपति थे। उन्हें नोबेल शान्ति पुरस्कार इसलिए नहीं दिया गया कि उन्होंने आयु भर लगातार शान्ति प्रयत्न किये हों; उन्हें शान्ति पुरस्कार रूस और जापान शान्ति सन्धि करवाने के लिए दिया गया था। इस शान्ति सन्धि पर 1905 में अमरीका के पोर्ट्स साउथ नामक स्थान पर हस्ताक्षर किये गये थे। इस पुरस्कार का कारण तकनीकी बताया गया है।
अर्नेस्टो टिओडोरो मोनेटा
Ernesto Teodoro Moneta
पुरस्कार वर्ष 1907
जन्म: 20 सितम्बर, 1833
मृत्यु 10 फरवरी, 1918
राष्ट्रीयता: इटालियन
मोनेटा इटली के एक प्रसिद्ध पत्रकार और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के आन्दोलनकारी थे। इन्होंने 1887 में अन्तर्राष्ट्रीयशान्ति समिति की स्थापना की थी। वे इस संस्था द्वारा निरस्त्रीकरण, लीग आफ नेशन्स के उद्देश्यों और अन्तर्राष्ट्रीय विवादों को मध्यस्थता द्वारा सुलझाने का प्रचार करते रहे। इन्हें लुई रेनाल्ट के साथ शान्ति पुरस्कार दिया गया।
लुई रेनाल्ट
Louis Renault
पुरस्कार वर्ष : 1907
जन्म: 21 मई, 1843
मृत्यु : 8 फरवरी, 1918
राष्ट्रीयता: फ्रैंच
लुई रेनाल्ट इटली के पत्रकार मोनेटा के साथ नोबेल शान्ति पुरस्कार के भागीदार थे। ये स्वयं विधिवेत्ता और न्यायाधीश थे। वे विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता के प्रबल समर्थक थे। इन्होंने कई मामलों में जज के रूप में मध्यस्थ का काम भी किया। इन्होंने 1906 की रेड क्रास संस्था की परिपाटियों में फेरबदल और सुधार किये।
क्लास पोण्टस अर्नाल्डसन
Klas Pontus Arnoldson
पुरस्कार वर्ष : 1908
जन्म: 27 अक्टूबर, 1844
मृत्यु : 20 फरवरी, 1916
राष्ट्रीयता : स्वीडिश
1908 का नोबेल शान्ति पुरस्कार दो व्यक्तियों को दिया गया। एक भागीदार तो अर्नाल्डसन स्वयं थे और दूसरे डेनमार्क के फ्रेडरिक बाजेर थे। अर्नाल्डसन बहुत ही सुयोग्य राजनीतिज्ञ थे। इनका मुख्य योगदान स्वीडन और नार्वे के संघ को स्वरूप देना है। यह कार्य इन्होंने बहुत ही योग्यता और शान्तिपूर्वक सम्पन्न करवाया।
फ्रेडरिक बाजेर
Fredrik Bajer
पुरस्कार वर्ष : 1908
जन्म : 21 अप्रैल, 1837
मत्यु : 22 जनवरी, 1922
राष्ट्रीयता: डेनिश
बाजेर कुशल राजनीतिज्ञ थे। वे आयु भर महिलाओं के उद्धार और शान्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करते रहे। इन्होंने स्कैन्डिनेवियन देशों में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए महान प्रयत्न किया। इस कार्य में वे सफल रहे। इनका एक प्रमुख कार्य है अन्तर्राष्ट्रीय पीस व्यूरो की स्थापना। व्यूरो की स्थापना 1891 में बर्न में की गई थी और 1907 तक ये उसके अध्यक्ष भी रहे।
बैरन डी एस्टरने डी कांस्टेंट
Baron d’Estournelles de Constant
पुरस्कार वर्ष 1909
जन्म : 1852
मृत्यु : 1924
राष्ट्रीयता : फ्रेंच
यह फ्रान्स के राजनयिक थे। फ्रांस सरकार की सेवा में भी रहे। बाद में राजनीति में आ गये। वे इस बात के प्रबल समर्थक थे कि आपसी सुलह सफाई और मध्यस्थता से विवाद सुलझाये जाने चाहिए। उनका यहां तक कहना था कि देश की आभ्यन्तरिक राजनीति के मामलों में भी मध्यस्थता से मतभेद सुलझाने का प्रयत्न होना चाहिए।
आगस्ट मेरी फ्रांस्वा बीरनार्ट
Auguste Marie Francois Beernaert
पुरस्कार वर्ष : 1909
जन्म : 1829
मृत्यु : 1912
राष्ट्रीयता : बेल्जियम
श्री बीरनार्ट (1873-1894) बेल्जियम के प्रधानमंत्री थे। कई वर्षों तक देश की बागडोर इनके हाथों में रही। बाद में इन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में बड़े उत्साह से भाग लिया और इस बात का समर्थन करते रहे कि शस्त्रों में कटौती करने का प्रश्न आपसी बातचीत और मध्यस्थता द्वारा ही सुलझाया जा सकता है।
स्थायी अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति ब्यूरो
Permanent International Peace Bureau
पुरस्कार वर्ष : 1910
स्थापना वर्ष : 1891
डेनमार्क के राजनीतिज्ञ बाजेर ने शान्ति से संबंधित कार्यकलापों को गति देने के लिए पीस ब्यूरो की स्थापना का विचार किया था और इसकी स्थापना स्विट्जरलैण्ड के बर्न नामक स्थान पर कर दी गई थी।इस संस्था का लक्ष्य यह था कि विश्व में शान्ति के लिए काम करने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों की जानकारी रखी जाय और उनका आपसी संबंध बना रहे। इस ब्यूरो के कार्य की सूचना भी सभी को दिए जाने का कार्यक्रम था।
एल्फ्रेड हरमान फ्राइड
Alfred Hermann Fried
पुरस्कार वर्ष : : 1911
जन्म : 11 नवम्बर, 1864
मृत्यु : 5 मई, 1921
राष्ट्रीयता: आस्ट्रियन
यह अन्तर्राष्ट्रीय विधिवेत्ता, पत्रकार तथा जर्मन शान्ति आन्दोलन के संस्थापकों में से एक थे। इनका विचार था कि अन्तर्राष्ट्रीय अव्यवस्था को समाप्त करने के लिए कायदे-कानूनों तथा चरित्र में सुधार के कार्यक्रम अपनाने चाहिए। इन्हें टोबियाज असर (डच) के साथ शान्ति पुरस्कार दिया गया।
टोबिआज माइकेल कारेल असर
Tobias Michael Carel Asser
पुरस्कार वर्ष : 1911
जन्म : 28 अप्रैल, 1838
मृत्यु : 29 जुलाई, 1913
राष्ट्रीयता: डच
प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति सम्मेलन 1899 में हेग में हुआ था। उसी अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय आरबिट्रेशन कोर्ट की स्थापना में टोबियाज असर ने महत्त्वपूर्ण योग दिया था। इसीलिए इन्हें पुरस्कृत किया गया। इस अन्तराष्ट्रीय कोर्ट में सभी देशों के विधिवेत्ताओं की नियुक्ति होती रही है। भारतीय जज भी इस न्यायालय में रहे हैं।
इलिहू रूट
Elihu Root
पुरस्कार वर्ष : 1912
जन्म : 15 फरवरी, 1845
मृत्यु : 7 फरवरी, 1937
राष्ट्रीयता : अमरीकी
इनके शन्ति प्रयास काफी व्यापक क्षेत्र से संबंधित हैं इन्होंने अमरीका में स्पेन की बस्तियों के अमरीकी नियन्त्रण में आने की सरकारी व्यवस्था में भाग लिया; फिलीपीन द्वीप समूह में अमरीकी प्रभुत्व स्थापित किया, लैटिन अमरीकी देशों को प्रेरित किया कि हेग में होने वाले दूसरे विश्व शान्ति सम्मेलन में भाग लें तथा अनेक यूरोप के राष्ट्रों में मध्यस्थता द्वारा शान्ति संधियां करवाई।
हेनरी मेरी लाफोण्टेन
Henri Marie Lafontaine
पुरस्कार वर्ष 1913
जन्म: 22 अप्रैल, 1854
मृत्यु 14 मई, 1943
राष्ट्रीयता: बेल्जियम
यह अन्तर्राष्ट्रीय अधिवक्ता थे। 1907-43 तक अन्तर्राष्ट्रीय पीस ब्यूरो के अध्यक्ष रहे। इन्होंने विश्व शान्ति को बढ़ावा देने के लिए विश्व अन्तर्राष्ट्रीय सेण्टर की स्थापना भी की थी। इन्होंने शान्ति और अन्तर्राष्ट्रीय मध्यस्थता संबंधी कार्यकलापों को पुस्तकाकार दिया और विश्व संसद और अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय स्थापित करने के सुझाव भी दिये।
● 1914, 1915 और 1916 में नोबेल शान्ति पुरस्कार नहीं दिये गये।
अन्तर्राष्ट्रीय रेड क्रास समिति
International Committee of the Red Cross
पुरस्कार वर्ष : 1917
अन्तर्राष्ट्रीय रेडक्रास समिति प्रथम विश्वयुद्ध के समय किसी व्यक्ति या संस्था को नोबेल शान्ति पुरस्कार नहीं दिया गया। अन्तर्राष्ट्रीय रेड क्रास की स्थापना स्विस मानववादी हेनरी दुनान्त कार्यों से हुई थी, जिन्हें 1901 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। जिनेवा स्थित अन्तर्राष्ट्रीय रेड क्रास 25 स्विस नागरिकों की एक स्वतंत्र समिति थी। प्रथम विश्वयुद्ध के समय इस संस्था ने युद्धरतों और विभिन्न देशों की रेड क्रास सोसाइटियों के मध्य संपर्क स्थापित किया; युद्धबन्दियों की अनेक प्रकार से सहायता की, उनकी चिट्ठी-पत्रियां पहुंचाई, संबंधियों की जानकारी दी।
थामस वुडरो विल्सन
Thomas Woodrow Wilson
पुरस्कार वर्ष : 1919
जन्म : 28 दिसम्बर, 1856
मृत्यु : 3 फरवरी, 1924
राष्ट्रीयता: अमरीकी
वुडरो विल्सन अमरीका के अट्ठाइसवें राष्ट्रपति थे। प्रथम विश्वयुद्ध के समय ऐसी स्थिति थी कि अन्तर्राष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए कोई साझा मंच नहीं था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद लीग आफ नेशन्स के की स्थापना की गई। यह एक विश्व मंच था जहां देशों के आपसी विवाद निपटाये जाते थे। इस लीग आफ नेशन्स की स्थापना में विल्सन महोदय ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसीलिए उन्हें पुरस्कृत किया गया।
लिओन-विक्टर-आगस्त बोर्जिओ
Leon-Victor-Auguste Bourgeois
पुरस्कार वर्ष 1920
जन्म: 21 मई, 1851
मृत्यु : 29 सितम्बर, 1925
राष्ट्रीयता: फ्रेंच
हेग में प्रथम शान्ति सम्मेलन 1899 में हुआ था। उसमें इन्होंने फ्रांस के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया था। इसमें उन्होंने इस बात पर अत्यधिक बल दिया था कि राष्ट्रों को आपसी सहयोग से काम करना चाहिए। लीग ऑफ नेशन्स के भी यह प्रबल समर्थक थे। समानता के सामाजिक सिद्धान्त के यह प्रमुख प्रवक्ता थे। इसीलिए इन्हें पुरस्कृत किया गया।
क्रिश्चिअन लॉस लांगे
Christian Laus Lange
पुरस्कार वर्ष : 1921
जन्म : 17 सितम्बर, 1869
मृत्यु : 11 दिसम्बर, 1938
राष्ट्रीयता : नार्वेयन
प्रथम विश्वयुद्ध के दिनों भी लांगे इण्टर पार्लियामेंटरी यूनियन के सेक्रेटरी थे। अनेक कठिनाइयों के बावजूद इन्होंने इस संस्था के कार्य को आगे बढ़ाया। इनका प्रमुख ध्येय अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति को बढ़ावा देना था। इसलिए लीग आफ नेशन्स के कामों में भी वे बहुत सक्रिय भाग लेते रहे। इन्हें बावन वर्ष की आयु में नोबेल शान्ति पुरस्कार दिया गया।
कॉल एच. ब्राण्टिंग
Karl Hjalmar Branting
पुरस्कार वर्ष : 1921
जन्म: 23 नवम्बर, 1860
मृत्यु : 24 फरवरी, 1925
राष्ट्रीयता : स्वीडिश
स्वीडन तटस्थ राष्ट्र माना जाता है। प्रथम विश्वयुद्ध के समय मि. ब्राण्टिंग ने इस बात का प्रयास किया कि स्वीडन युद्ध में भाग न लेकर तटस्थ रहे। लीग आफ नेशन्स की स्थापना के समय यही उस राष्ट्र संघ में स्वीडन के प्रथम प्रतिनिधि थे। इन्होंने सामाजिक लोकतन्त्र की स्थापना तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति की दिशा में कूटनयिक प्रयास किए। इसके लिए इन्हें शान्ति पुरस्कार दिया गया।
फ्रिट्जोफ नानसेन
Fridtjof Nansen
पुरस्कार वर्ष 1922
जन्म : 10 अक्टूबर, 1861
मृत्यु : 13 मई, 1930
राष्ट्रीयता: नार्वेयन
प्रथम विश्वयुद्ध के दिनों इन्होंने बहुत महत्त्वपूर्ण कार्य किये। युद्ध बन्दियों को अपने देशों को लौट जाने की व्यवस्था इन्होंने ही की। लीग आफ नेशन्स में नार्वे के प्रतिनिधि मण्डल के मुखिया यही थे। युद्ध के बाद रूस में भयंकर अकाल पड़ा, इन्होंने अकाल पीड़ित राष्ट्र की सहायता संगठित की। आर्कटिक की खोज इन्होंने ने ही की थी। ये समुद्र विज्ञान में पारंगत थे।
● 1923 और 1924 में नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिए गए।
सर जोसफ आस्टिन चेम्बरलेन
Sir Joseph Austen Chamberlain
पुरस्कार वर्ष : 1925
जन्म 16 अक्टूबर, 1863
मृत्यु : 16 मार्च, 1937
राष्ट्रीयता: ब्रिटिश
आस्टिन चेम्बरलेन 1924 से 1925 तक ब्रिटेन के विदेश सचिव थे। इन्होंने जर्मनी सहित पश्चिमी यूरोप के देशों में सीमा संबंधी झगड़ों की रोकथाम का एक समझौता करवाया। इसे लोकार्नो समझोता कहते हैं। यह 1925 में हुआ। इस समझौते के अधीन कई सन्धियां की गई ताकि सीमा संबंधी विवाद न हों। इसीलिए ये नोबेल शान्ति पुरस्कार के हकदार बने ।
चार्ल्स गेट्स दावेज
Charles Gates Dawes
पुरस्कार वर्ष 1925
जन्म : 27 अगस्त 1865
मृत्यु: 23 अप्रैल, 1951
राष्ट्रीयता : अमेरिकी
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद इनका महत्त्वपूर्ण कार्य यह था युद्ध से जर्मनी की जो हानि हुई थी, उसकी पूर्ति और कि सुधार के लिए इन्होंने धन की अदायगी का प्रबन्ध किया। उनके इस यन से यूरोप आर्थिक रूप से लड़खड़ाने से कुछ वर्ष के लिए बच गया। इस योजना को दावेज योजना कहा जाता है। यह अमरीकी राजदूत और उपराष्ट्रपति थे।
एरिस्टाइड ब्रिआं
Aristide Briand
पुरस्कार वर्ष : : 1926
जन्म : 28 मार्च, 1862
मृत्यु : 7 मार्च, 1932
राष्ट्रीयता: फ्रेंच
ब्रिआं ग्यारह बार फ्रांस के प्रधानमंत्री रहे। 1906 से 1932 तक वे छब्बीस बार विभिन्न मंत्री पदों पर रहे। इस दौरान ये लगातार अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग, लीग आफ नेशन्स (राष्ट्र संघ) की सफलता के लिए प्रयत्न करते रहे। इन्होंने अपने पदों का उपयोग विश्व में शान्ति स्थापना के लिए किया, इसीलिए शान्ति पुरस्कार के हकदार बने ।
गुस्टाव स्ट्रेसमान
Gustav Stresemann
पुरस्कार वर्ष : 1926
जन्म : मई, 1878
मृत्यु: 3 अक्टूबर, 1929
राष्ट्रीयता: जर्मन
जर्मन राष्ट्र अनेक छोटे राज्यों से मिलकर बना है स्ट्रेसमान 1923 में वेमार रिपब्लिक के चान्सलर और 1923 से 19/29 तक उसके विदेश मंत्री थे। इन्हीं के प्रयत्नों से प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी को वह अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा मिला जो पहले था। इसके साथ-साथ इनके प्रयत्नों से जर्मनी को लीग आफ नेशन्स की सदस्यता मिली।
फर्डीनेण्ड-एडुआर्ड बिसान
Ferdinand-Edouard Buisson
पुरस्कार वर्ष : 1927
जन्म: 20 दिसम्बर, 1841
मृत्यु : 16 फरवरी, 1932
राष्ट्रीयता: फ्रेंच
इनके प्रयत्नों के फलस्वरूप मानव अधिकार संघ (लीग आफ ह्यूमन राइट्स) की स्थापना 1898 में संभव हो सकी। 1913 से 1926 तक- जिसमें प्रथम विश्वयुद्ध का समय भी आता है, यह उस संघ के अध्यक्ष रहे। इसीलिए युद्ध के बाद वे फ्रांस और जर्मनी में मैत्री और सद्भाव स्थापित करने के लिए प्रयत्न कर सके। शान्ति पुरस्कार इसीलिए दिया गया।
लुडविग क्विड्ड
Ludwig Quidde
पुरस्कार वर्ष : 1927
जन्म : 1858
मृत्यु : 1948
राष्ट्रीयता: जर्मन
यह स्वयं जर्मन होते हुए भी जर्मनी के सैन्य विस्तार के जबर्दस्त विरोधी थे। वे युद्ध के बाद जर्मनी द्वारा अन्य देशों को हड़पने और अपने में मिलाने के भी कट्टर विरोधी थे। वे अपने लेखों तथा प्रकाशनों द्वारा आयुभर जर्मनी की इन हरकतों का विरोध करते रहे। इन्होंने जर्मनी को लीग आफ नेशन्स का सदस्य बनवाने में भी सहायता की।
फ्रैंक बिलिंग्स केलॉग
Frank Billings Kellogg
पुरस्कार वर्ष : 1929
जन्म 22 दिसम्बर, 1856
मृत्यु: 21 दिसम्बर, 1937
यह 1925 से 1929 तक अमरीकी विदेश सचिव थे। इनका महत्त्वपूर्ण कार्य केलॉग-ब्रिआं समझौता है जो 1928 में सम्पन्न हुआ। ब्रिआं फ्रांस के प्रधानमंत्री थे। इस समझौते का बहुपक्षीय आधार है। इसके आधार पर युद्ध को राष्ट्रीय नीति बनाने से रोकने का प्रावधान है। इस समझौते को इनकी राजनयिक सफलता माना गया और पुरस्कृत किया गया।
नाथान सोडरब्लोम
Nathan Soderblom
पुरस्कार वर्ष 1930
जन्म : 15 जनवरी, 1866
मृत्यु : 12 जुलाई, 1931
राष्ट्रीयता: स्वीडिश
यह लूथर के सुधारों को मानने वाले आर्कबिशप थे। इन्होंने धर्म का तुलनात्मक अध्ययन भी किया था। इन्होंने चर्च को संगठित करने के द्वारा विश्व शान्ति के प्रयत्न किये। इसीलिए इन्हें नोबेल शान्ति पुरस्कार दिया गया।
जेन एडम्स
Jane Addams
पुरस्कार वर्ष 1951
मृत्यु 21 मई, 1935
जन्म 6 सितम्बर, 1860
राष्ट्रीयता अमरीकी
जेन एडम्स समाज सुधारक और शान्ति की समर्थक महिला थीं। इनकी प्रसिद्धि शिकागो में हल हाऊस की स्थापना के कारण है। हल हाऊस उत्तरी अमरीका की पहली ऐसी बस्ती है जिसे सामाजिक कहा जा सकता है। श्रीमती एडम्स महिला अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति और स्वतन्त्रता संघ (Women’s International League for Peace & Freedom) की अध्यक्षा भी रहीं।
निकोलस मरे बटलर
Nicholas Murray Butler
पुरस्कार वर्ष 1981
मृत्यु 7 दिसम्बर 1917
जन्म: 2 अप्रैल, 1862
राष्ट्रीयता: अमरीकी
बटलर बहुत प्रसिद्ध व्यक्ति थे। वे महान् शिक्षक, अन्तर्राष्ट्रीय विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ और कोलम्बिया विश्वविद्यालय के अध्यक्ष थे। इनका एक महत्त्वपूर्ण कार्य यह है कि इन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति के कार्यों के लिए कारनेगी अक्षयनिधि की स्थापना की। पहले वे इस संस्था के ट्रस्टी थे, बाद में अध्यक्ष बने।
● 1932 में नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिया गया।
सर नार्मन एंजल ( राल्फ लेन)
Sir Norman Angell (Ralph Lane)
पुरस्कार वर्ष 1933
जन्म: 1874
मृत्यु 1967 राष्ट्रीयता ब्रिटिश
यह इंग्लैण्ड के सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में शान्ति के लिए प्रमुख रूप से काम करते रहे। इनकी अधिक प्रसिद्धि इनकी युद्ध विरोधी एक पुस्तक इल्युजन (The Great Illusion) के कारण है जिसे इन्होंने 1910 में लिखा और 1953 में संशोचित किया। यह पुस्तक अनेक भाषाओं में अनूदित हो चुकी है।
आर्थर हेण्डरसन
पुरस्कार वर्ष 1994
Arthur Henderson
जन्म 18 सितम्बर, 1863
मृत्यु 20 अक्टूबर, 1995
राष्ट्रीयता ब्रिटिश
हेण्डरसन ब्रिटिश मजदूर दल के प्रमुख संगठनकर्ता थे। इन्हें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शस्त्रों को समाप्त करने के प्रयत्नों के लिए नोबेल शान्ति पुरस्कार दिया गया। 1929 से 1931 तक यह विदेश मामलों को देखने वाले ब्रिटिश विदेश सचिव थे।
कार्ल वॉन ओसिट्जकी
Carl Von Ossietzky
पुरस्कार वर्ष 1985
जन्म 3 अक्टूबर, 1888.
मृत्यु : 4 मई, 1938
राष्ट्रीयता: जर्मन
इन्हें अपेक्षाकृत कम सैंतालीस वर्ष की आयु में नोबेल शान्ति पुरस्कार देकर नात्सीवाद की भर्त्सना की गई। इन्हें शान्ति पुरस्कार देना नात्सीवाद को संसार में नीचा दिखाना और उसकी आलोचना करना था क्योंकि उसके बाद 30 जनवरी 1937 को हिटलर ने एक आदेश निकालकर जर्मन लोगों को किसी प्रकार के नोबेल पुरस्कार को स्वीकार करने से रोका था। यह एक प्रसिद्ध पत्रकार और शान्ति समर्थक थे।
कार्लोस सावेड्रा लामास
Carlos Saavedra Lamas
पुरस्कार वर्ष 1936
जन्म 1 नवम्बर, 1878
मृत्यु 5 मई, 1959
राष्ट्रीयता: अर्जेण्टीनी
कार्लोस न्यायशास्त्री थे। यह अर्जेण्टीना के महत्त्वपूर्ण व्यक्ति थे। इन्हें शान्ति प्रयास के लिए पुरस्कृत किया गया। इनका विशेष कार्य यह था कि इन्होंने लोजीविया और पैरागुए के मध्य हो रहे युद्ध को समाप्त करवाया था। यह युद्ध चाको नामक क्षेत्र पर अधिकार के लिए था, जो कि तेल-क्षेत्र है।
लार्ड राबर्ट सेसिल
Lord Robert Cecil
पुरस्कार वर्ष : 1937
जन्म : 14 सितम्बर, 1864
मृत्यु : 21 नवम्बर, 1958
राष्ट्रीयता: ब्रिटिश
इन्हें (Viscount Cecil of Chelwood) भी कहा जाता है। यह इंग्लैण्ड के सुप्रसिद्ध राजनेता थे। यही वह प्रमुख व्यक्ति थे जिन्होंने राष्ट्रसंघ (लीग आफ नेशन्स) के मूल नियमों का मसौदा तैयार किया था। यह मसौदा 1919 में तैयार किया गया था। वे राष्ट्रसंघ के प्रति बहुत वफादार और समर्पित थे।
नानसेन अन्तर्राष्ट्रीय शरणार्थी कार्यालय
Nansen International Office for Refugees
पुरस्कार वर्ष 1938
नानसेन नावे के ये और प्रथम विश्वयुद्ध के बंदियों की सहायता करने, उन्हें अपने देश लोट जाने आदि कार्यों में सहायता देने के लिए उन्हें 1922 में नोबेल शान्ति पुरस्कार दिया गया था इस शरणार्थी कार्यालय की स्थापना राष्ट्रसंघ (लीग ऑफ नेशन्स) ने की थी। इस कार्यालय को प्रथम विश्वयुद्ध के समय और युद्ध के बाद में ऐसे व्यक्तियों को बसाने का कार्य करना था जो वस्तुतः निर्वासितों का सा जीवन बिता रहे थे। इन शरणार्थियों में अधिक रूस अथवा आमीनिया के लोग थे। कठिनाई आर्मीनिया के लोगों के पुनर्वास की थी। श्री नानसेन अपने जीवन के अन्तिम काल तक इस समस्या को सुलझाने का प्रयत्न करते रहे। यह कार्यालय अन्य देशों के शरणार्थियों की समस्याओं का भी ध्यान रखता था और उन्हें नौकरशाही अड़चनों से बचाने का प्रयत्न करता था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ऐसे व्यक्तियों को मित्र राष्ट्रों में जाने के लिए ‘नानसेन पासपोर्ट’ जारी किये जो किसी देश के नहीं रह गये थे।
● 1939 से 1943 तक किसी को भी नोबेल शान्ति पुरस्कार नहीं दिया गया।
अन्तर्राष्ट्रीय रेडक्रास समिति
International Committee of The Red Cross
पुरस्कार वर्ष 1914
अन्तर्राष्ट्रीय रेडक्रास सोसाइटी को 1917 में प्रथम नोबेल शान्ति पुरस्कार प्राप्त हुआ था। वह प्रथम विश्वयुद्ध का समय था और उस समय युद्ध से प्रभावित व्यक्तियों की सहायता तथा सेवा के लिए उसे पुरस्कार दिया गया था 1944 का पुरस्कार द्वितीय विश्वयुद्ध के आक्रमणों के समाप्त हो जाने के बाद युद्ध से प्रभावित व्यक्तियों की समस्याएं सुलझाने और उनके पुनर्वास में योगदान के लिए दूसरी बार रेडक्रास को दिया गया।
कार्डल हल
Cordell Hull
पुरस्कार वर्ष 1945
जन्म 2 अक्टूबर 1871
मृत्यु 25 जुलाई, 1955
राष्ट्रीयता: अमरीकी
कार्डल हल को संयुक्त राष्ट्रसंघ (United Nations) का जनक (Father) माना जाता है क्योंकि इन्होंने संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना के लिए अथक परिश्रम किया। अमरीका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रुजवेल्ट ने उन्हें अमरीका का विदेश सचिव नियुक्त किया था। श्री हल वुडरो विल्सन के इस मत से सहमत थे कि जब तक विभिन्न देशों में आपसी व्यापार प्रतिबन्ध और करों में कमी नहीं की जाएगी, तब तक संसार में शान्ति स्थापना संभव नहीं।
एमिली ग्रीन बाल्स
Emily Greene Balch
पुरस्कार वर्ष 1946
जन्म 8 जनवरी, 1867
मृत्यु 9 जनवरी, 1961
राष्ट्रीयता: अमरीकी
यह महिला प्रथम विश्वयुद्ध के समय और उसके बाद शान्ति संबंधी महिला आंदोलनों की नेता रहीं। इन्होंने अमरीका में प्रवासी स्लाव लोगों की समस्याओं को सुलझाने में सहायता की। ये उनकी समस्याओं को अच्छी तरह समझती थीं और उनसे सहानुभूति भी रखती थीं। वे समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान और आर्थिक विषयों की जानकार थीं। इन्हें उन्यासी वर्ष की आयु में शान्ति पुरस्कार दिया गया।
जान रेले मॉट
John Raleigh Mott
पुरस्कार वर्ष 1946
जन्म: 25 मई, 1865
मृत्यु : 31 जनवरी, 1955
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जान रेले ने एमिली ग्रीन के साथ भागीदार के रूप में शान्ति पुरस्कार प्राप्त किया। इनका कार्यक्षेत्र अन्तर्राष्ट्रीय चर्च और धर्म प्रचारक आन्दोलनों से संबंधित था। इन्होंने इस बात का प्रयत्न किया कि अन्तर्राष्ट्रीय चर्च शान्ति स्थापना में सहयोग दें और मिशनरी आन्दोलनों से किसी प्रकार की अशान्ति उत्पन्न न हों
अमेरिकन फ्रेण्ड्स सर्विस कमिटी
(द क्वेकर्स, फिलाडेल्फिया)
American Friends Service Committee
(The Quakers-Philadelphia) तथा
फ्रेण्डस सर्विस काउन्सिल ( द क्वेकर्स, लन्दन)
पुरस्कार वर्ष 1947
ए. एफ. एस. सी. की स्थापना अमरीका और कनाडा के कुछ मित्रों ने मिलकर की थी। फ्रेण्डस सर्विस कौन्सिल इसका ब्रिटिश रूप है। ए. एफ. एस. सी. की स्थापना 1947 में हुई थी और ब्रिटिश संस्था की स्थापना का विचार सत्रहवीं शताब्दी के मध्य इंग्लैण्ड और अमरीकी उपनिवेशों के कुछ क्रिश्चियन लोगों के मन में आया था। इस दल को क्वेकर भी कहा जाता है। इस क्वेकर सम्प्रदाय की स्थापना जार्ज फाक्स ने की थी। यह लोग समान रूप से बिना किसी भेदभाव के सबके मन में प्रभु के प्रकाश की कामना करते हैं। इन्होंने समाज सुधार और शान्ति स्थापना के अनेक प्रयास किये हैं।34 नोबेल पुरस्कार को पदेश के श्रमिक वर्ग से इस ट्रेड यूनियन नेता थे।
● 1948 में नोबेल शान्ति पुरस्कार नहीं दिया गया।
लार्ड जान बायड-ओर
Lord John Boyd-Orr
पुरस्कार वर्ष 1949
जन्म 23 सितम्बर, 1880
मृत्यु 25 जून, 1971
राष्ट्रीयता: ब्रिटिश
ये पोषक आहार के विशेषज्ञ थे। अन्य संबंधित कार्यों पर तैयार इनकी रिपोर्टों के कारण द्वितीय विश्वयुद्ध के समय ब्रिटेन में खाद्य राशनिंग व्यवस्था लागू हुई। ये संयुक्त राष्ट्र संघ के फूड और कृषि संस्था (FAO) के डायरेक्टर जनरल बनाये गये थे।
राल्फ जानसन बंच
Ralph Johnson Bunche
पुरस्कार वर्ष 1950
जन्म 7 अगस्त, 1904
मृत्यु : 9 दिसम्बर, 1971
राष्ट्रीयता: अमरीकी
राल्फ जानसन बंच पहले अमरीकी नीग्रो थे जिन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रमुख राजनयिक का पद दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना में भी इन्होंने महत्त्वपूर्ण भाग लिया था। प्रमुख राजनयिक के तौर पर दो दशक तक यह संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़े रहे। इनका एक प्रमुख कार्य यह था कि इन्होंने अरबों और इस्राइलियों में शान्ति संधि करवाने में सफलता प्राप्त की।
लिओन जोहाक्स
Leon Jauhaux
पुरस्कार वर्ष 1951
जन्म : 1 जुलाई, 1879
मृत्यु : 28 अप्रैल, 1954
राष्ट्रीयता: फ्रेंच
अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ-इन्टरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) -भी संयुक्त राष्ट्र संघ से संबद्ध एक संगठन है। प्रत्येक देश के श्रमिक वर्ग से इसका संबंध है। श्री लिओन जोहाक्स फ्रांस के प्रमुख समाजवादी और ट्रेड यूनियन नेता थे। अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ की स्थापना करने वालों में यह प्रमुख थे।
अल्बर्ट श्वाइट्ज़र
Albert Schweitzer
पुरस्कार वर्ष 1952
जन्म 14 जनवरी, 1875
मृत्यु: 4 सितम्बर, 1965
राष्ट्रीयता फ्रेंच
अल्बर्ट श्वाइट्ज़र अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अनेक कष्ट उठाकर अपनी जान जोखिम में डालकर पचास वर्ष तक कार्य किया। इन्होंने लैम्बर्न नामक स्थान पर एक अस्पताल की स्थापना की जहां कुष्ठ और निद्रा रोगियों का इलाज आरंभ किया गया। इन्होंने इस स्थान को सेवा का केन्द्र ही बना लिया था। इसलिए इन्हें नोबेल शान्ति पुरस्कार दिया गया।
जार्ज कटलेट मार्शल
George Catlett Marshall
पुरस्कार वर्ष 1958
जन्म 31 दिसम्बर 1880
मृत्यु 16 अक्टूबर 1959
राष्ट्रीयता: अमरीकी
जार्ज मार्शल अमरीका के एक प्रमुख व्यक्ति थे। वे द्वितीय विश्वयुद्ध में अमरीकी सेना के प्रमुख (1939-45) रहे। 1947 से 1949 तक वे अमरीकी विदेश सचिव रहे। 1950-51 में रक्षा सचिव रहे। उनकी सबसे अधिक प्रसिद्धि उनकी उस योजना के कारण है जो उन्होंने युद्ध से जर्जर यूरोप के पुनरुद्धार के लिए तैयार और लागू की। इसीलिए इन्हें शान्ति पुरस्कार दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र संघ शरणार्थी उच्चायुक्त
United Nations High Commissioner for Refu gees
पुरस्कार वर्ष 1954
युद्ध शरणार्थियों की देखभाल के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से शरणार्थी उच्चायुक्त के कार्यालय की स्थापना चौदह दिसम्बर 1950 की संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेम्बली में की गई थी। इस कार्यालय का काम शरणार्थियों को किसी राष्ट्र में बसने तक सभी प्रकार की कठिनाइयों को दूर करना था। बहुत से राष्ट्र इस कार्य के लिए धन भी देते हैं। इस प्रकार यह कार्यालय शरणार्थियों को सामाजिक और आर्थिक
लीस्टर बाउल्स पियर्सन
Lester Bowles Pearson
पुरस्कार वर्ष 1957
जन्म23 अप्रैल, 1897
मृत्यु 27 दिसम्बर 1972
राष्ट्रीयता कनाडियन
पियर्सन कनाडा के प्रमुख राजनीतिज्ञों में से थे। वे 1948 से 1957 तक वहां के विदेश मंत्री रहे और 1963 से 1968 तक देश के प्रधानमंत्री भी अपने प्रधानमंत्रित्व काल में इन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय विवादों में मध्यस्थ का काम किया। इनकी एक बड़ी उपलब्धि यह थी कि इन्होंने 1956 में स्वेज नहर के संबंध में उठे विवाद को सुलझाया। इसीलिए इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया।
डॉमिनिक जिआर्जस पायर
Dominique Georges Pire
पुरस्कार वर्ष 1958
जन्म 10 फरवरी, 1910
मृत्यु 30 जनवरी, 1969
राष्ट्रीयता बेल्जियम
डॉमिनिक को द्वितीय विश्वयुद्ध से बेघरबार हुए लोगों की सहायता करने के कारण नोबेल शान्ति पुरस्कार दिया गया। वे धर्म प्रचारक और शिक्षाविद् थे। उन्होंने बेल्जियम में महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति केन्द्र की स्थापना की, जो आगे चलकर यूनिवर्सिटी आफ पीस के नाम से जाना गया। वे सदेव शान्ति स्थापना के लिए प्रयास करते रहे।
फिलिप जे. नोएल बेकर
Philip J. Noel-Baker
पुरस्कार वर्ष 1959
मृत्यु अक्टूबर, 1982
जन्म 1 नवम्बर, 1889
राष्ट्रीयता ब्रिटिश
नोएल वेकर के जीवन का ध्येय ही विश्व में शांति की स्थापना था। इसके लिए वे चाहते थे कि अस्त्र-शस्त्रों की होड़ कम की जाय। उनका विश्वास या कि अन्तर्राष्ट्रीय तौर पर निरस्त्रीकरण से ही विश्व में शान्ति स्थापित हो सकती है। वे ब्रिटिश राजनयिक थे। उन्होंने स्वयं तो विश्व शान्ति के प्रयत्न किये, साथ ही शान्ति प्रयास में लगे अन्य नेताओं की भी सहायता की।
अल्बर्ट लुटली
Albert (John Mvumbi) Lutuli
पुरस्कार वर्ष 1960
जन्म 1898
मृत्यु 21 जुलाई, 1967
राष्ट्रीयता दक्षिण अफ्रीकी
दक्षिण अफ्रीका में अनेक नेताओं ने वहां की गोरी सरकार की जातीय विद्वेष भावना का विरोध किया है। लुटली ने इस भावना का विरोध अहिंसक तरीके से किया वे इसके लिए हिंसक मार्ग का विरोध करते रहे। इनके शान्ति प्रयत्नों के कारण इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
डाग हैमरशल्ड
Dag (Hyalmar Agnecarl) Hammarskjold
पुरस्कार वर्ष 1961
जन्म 29 जुलाई, 1905
मृत्यु 18 सितम्बर, 1961
राष्ट्रीयता स्वीडिश
हैमरशल्ड स्वीडन के राजनयिक और अर्थशास्त्री थे। 1914 से 1917 तक वे स्वीडन के प्रधानमंत्री भी रहे। 1953 से 1963 तक संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव रहे। वे पूर्णतया निस्वार्थ भाव से विश्व शान्ति के लिए प्रयास करते रहे। वे 1929 से 1947 तक नोबेल पुरस्कार समिति के अध्यक्ष भी रहे। संयुक्त राष्ट्र संघ के किसी कार्य के लिए यात्रा करते समय इनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और वे मारे गये। इन्हें मरणोपरांत पुरस्कृत किया गया।
लाइनस कार्ल पालिंग
Linus Carl Pauling
पुरस्कार वर्ष :- 1962
जन्म 28 फरवरी, 1901
राष्ट्रीयता: अमरीकी
लाइनस पालिंग ने अनेक क्षेत्रों में कार्य किया। ये रसायन विज्ञान के भी पण्डित थे और अणुओं की आन्तरिक रचना के अध्ययन के लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार मिल चुका था। यह शान्ति पुरस्कार उन्हें परमाणु हथियारों पर रोक लगाने का प्रयत्न करने वाली संस्था की ओर से विश्व शान्ति के लिए परमाणु बिस्फोटों पर प्रतिबन्ध लगवाने का महान प्रयत्न करने के लिए दिया गया।
अन्तर्राष्ट्रीय रेड क्रास समिति
लीग आफ रेड क्रास सोसाइटीज़
International Committee of Red Cross League of Red Cross Societies
पुरस्कार वर्ष 1963
संस्थाएं जिनेवा
उक्त दोनों संस्थाओं को 1963 का नोबेल शान्ति पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया गया। अन्तर्राष्ट्रीय रेड क्रास समिति को 1917 और 1944 में शान्ति पुरस्कार दिये जा चुके थे। लीग आफ रेड क्रास सोसाइटी को प्राकृतिक आपदाओं के समय मानव सेवा के लिए पुरस्कृत किया गया।
मार्टिन लूथर किंग
Martin Luther King
पुरस्कार वर्ष 1964
जन्म 15 जनवरी, 1929
मृत्यु 1 अप्रैल, 1968
राष्ट्रीयता: अमरीकी
मार्टिन लूथर किंग अमरीकी नीग्रो नेता थे। वहां काले लोग नागरिक समानता की अधिकार प्राप्ति के लिए हिंसा पर उतर आते थे लूथर किंग पादरी थे। उन्होंने काले लोगों को अपने संग्राम के लिए अहिंसक आन्दोलन चलाने के लिए प्रेरित किया। वे बहुत अच्छे वक्ता थे। उन्होंने 1950 के दशक के मध्य से अहिंसक सत्याग्रह का मार्ग अपनाया। इसीलिए उन्हें नोबेल शान्ति पुरस्कार दिया गया। उनकी हत्या कर दी गई थी।
संयुक्त राष्ट्र संघ बाल कोश
United Nations Children Fund
पुरस्कार वर्ष 1965
संयुक्त राष्ट्र संघ बाल कोश
इस संस्था को संक्षप्त रूप से यूनिसेफ भी कहा जाता है। यूनिसेफ संसार के बच्चों के कल्याण के प्रति समर्पित संस्था है। इसका ध्येय विभिन्न देशों के बच्चों के कल्याण के लिए सहायता जुटाना है जिससे उन्हें स्वस्थ रहने में मदद मिले, उन्हें पोषक आहार उपलब्ध हो तथा शिक्षण सुविधाएं प्राप्त हो सकें। वास्तव में इस कोश की स्थापना युद्ध से प्रभावित बच्चों की सहायता के लिए दिसम्बर, 1946 में की गई थी। परन्तु 1950 के बाद से इस कोश का प्रयोग कम विकसित देशों के लिए किया जाने लगा। इस कोश को चालू रखने के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी जुटी हुई हैं। बधाई पत्रों आदि द्वारा भी कोश वृद्धि की जाती है।
नारमन ई. बोरलाग
Norman E. Borlaug
पुरस्कार वर्ष 1970
जन्म 25 मार्च, 1914
राष्ट्रीयता :अमरीकी
नारमन अर्नेस्ट बोरलाग अमरीकी कृषि विज्ञानी हैं। इन्होंने विशेष रूप से अनेक देशों में गेहूं और चावल की उत्पादन वृद्धि में विशेष योगदान दिया है। भारत, जहां अन्न की कमी रहती थी, इनके उपायों से आत्मनिर्भर ही नहीं हुआ, वरन् खायान्नों के निर्यात में भी समर्थ हुआ। खाद्यान्न उत्पादन वृद्धि को ही भारत की हरित क्रान्ति कहते हैं। इस हरित क्रान्ति के जनक यही कृषि विज्ञानी हैं। इन्होंने अनेक देशों को भुखमरी से बचाया है।
विली ब्राण्ट
Willy Brandt
पुरस्कार वर्ष 1971
जन्म 18 दिसम्बर, 1913
राष्ट्रीयता: जर्मन
बिली ब्राण्ट फेडरल रिपब्लिक जर्मनी के 1969 से 1974 तक प्रथम सोशलिस्ट डेमोक्रेट चान्सलर थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी दो भागों में बंट गया था। पूर्वी जर्मनी साम्यवादी शक्तियों के अधीन था और दोनों भागों में मतभेद बढ़ रहे थे। विली ब्राण्ट ने पूर्वी जर्मनी ही नहीं पूर्वी यूरोप के साम्यवादी देशों से भी संबंध सुधारे। इन्होंने यूरोपियन आर्थिक सहयोग बढ़ाया और इंग्लैण्ड को भी इसका सदस्य बनाकर संयुक्त यूरोप के स्वप्न को वास्तविकता दी।
• 1972 में नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिया गया।
हेनरी अल्फ्रेड किसिंजर
Henry Alfred Kissinger
पुरस्कार वर्ष 1973
जन्म: 27 मई, 1923
राष्ट्रीयता: जर्मन अमरीकी
हेनरी किसिंजर को अमरीकी राष्ट्रपति निक्सन के युग का अमरीकी रक्षा मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। वे अमरीका के विदेश सचिव (1973-77) भी रहे। उन्हें नोबेल शान्ति पुरस्कार इसलिए दिया गया कि उन्होंने वियतनाम का युद्ध समाप्त करवाने तथा शान्ति समझोता करवाने के लिए प्रयास किया था। यह अपने सेवा काल में हर समय कहीं न कहीं सुलह-समझोता करवाने के लिए आते-जाते रहते थे। इन्होंने कुछ पुस्तकें भी लिखी हैं