new education policy 2020
अध्याय – 1
प्रारंभिक बाल्यावस्थादेखभात और शिक्षा : सीखने की नीव
- 1.1 बच्चो के मस्तिष्क का प्रतिमात विकास 6 वर्ष की अवस्था से पूर्व ही हो जाता है। बच्चों के मस्तिष्क के उचित विकास और शारीरिक वृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए उसके आरभिक 6 वर्षों को महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्तमान समय में विशेष रूप से सामाजिक-आर्थिक रूप से वचित पृष्ठभूमि के करोड़ो बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा उपलन नहीं है। इसलिए ईसीसीई में निवेश करने से इसकी पहुंच देश के सभी बच्चों तक हो सकती है जिससे सभी बच्चो को शेक्षिक प्रणाली में भाग लेने और तरक्की करने के समान अवसर मिल सकेगे। ईसीसीई संभवतया, समता स्थापित करने में सबसे शक्तिमाती माध्यम हो सकता है। प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास, देखभाल के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सार्वभौमिक प्रावधान को जल्द से जल्द निधय ही वर्ष 2030 से पूर्व, उपलब्ध किया जाना चाहिए. ताकि यह सुनिष्क्षित किया जा सके कि पहली कक्षा में प्रवेमा पाने वाले सभी बच्चे स्कूली शिक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हो।
- 1.2 ईसीसीई में मुख्य रूप से तचीती, बहुआयामी बहु-स्तरीय, खेत-आधारित, गतिविधि-आधारित और खोज-आधारित शिक्षा को मामिल किया गया है। जैसे अक्षर, भाषा, संख्या, गिनती, रंग, आकार इडोर एवं आउटडोर सोत, पहेलियाँ और तार्किक सोच समस्या सुलझाने की कता. चित्रकता पेटिंग, अन्य दस्य कता, शिल्प, नाटक, कठपुतली, संगीत तथा अन्य गतिविधियों को शामित करते हुप इसके साथ अन्य कार्य जैसे सामाजिक कार्य मानवीय संवेदना, अच्छे व्यवहार, शिष्टाचार, नैतिकता व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता समूह में कार्य करना और आपसी सहयोग को विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। ईसीसीई का समान उद्देश्य बच्चों का शारीरिक भौतिक विकास, संज्ञानात्मक विकास, समाज-सवेगाळाक-नैतिक विकास, संस्कृतिक विकास, सवाद के लिए प्रारंभिक भाषा, साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान के विकास में अधिकतम परिणामों को प्राप्त करना है।
1.3 एनसीईआरटी द्वारा वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों के लिए दो भागों में प्रारभिक बाल्यावस्था की शिक्षा के लिए एक उत्कृष्ट पाठयक्रम और शैक्षणिक ढाचा (एनसीपीएफईसीसी विकसित किया जाएगा, अर्थात् 0-3 वर्ष के बच्चों के लिए एक सब-फेमवर्क और 3-4 सात के लिए एक अन्य सब-फ्रेमवर्क का विकास किया जाएगा। उपरोक्त दिशानिर्देशों के अनुसार, ईसीसीई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नवाचार एवं सर्वोत्तम प्रधाओं पर नवीनतम शोध को शामित करेगा। विशेष रूप से, उन प्रधाओ को जो भारत में कई शताब्दियो से बाल्यावस्था की शिक्षा के विकास के लिए समुद्ध है और वे स्थानीय परंपराओं में विकसित हुई
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
है. जिनमे कता. कहानिया, कविता खेल, गीत, और बहुत कुछ मामिल है. इन सभी को मुख्य रूप से शामिल किया जाएगा। शिक्षा का यह माहल माता-पिता दोनों के साथ-साथ प्रारभिक बाल्पावस्था देखभात और शिक्षा के लिए भी एक मार्गदर्शक के रूप में काम करेगा।
1.4 पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से उच्चतर गुणवत्ता वाले इसीसीई संस्थानों तिए सार्वभौमिक पहुँच सुनिक्षित करना बहट लक्ष्य होगा पिछड़े जितो और उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान और प्राथमिकता देनी होगी जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछडे हैं। विस्तृत और कामाक्त ईसीसीई संस्थानों द्वारा ईसीसीई प्रणाली को लागू किया जाएगा जिसमे एक पहले से काफी विस्तृत और सशक्त रूप से अकेले चल रहे आगनवाठियों के माध्यम से एक प्राथमिक विद्यालयों के साथ स्थित आगनवाठियो प्राथमिक के माथाय से पूर्व विद्यालयो, जो कम से कम से 6 वर्ष पूरा करेंगे, और प्राथमिक विद्यालयों के साथ स्थित है, इनके माध्यम से (घ) अकेले चल रहे प्री-स्कृत के माधाम से इसे लागू किया जाएगा। ये सभी विद्यालय ईसीसीई के पाठ्यक्रम और म्थिकषण में प्राम्िित कर्मचारियो/ मिक्षको को धरती करेगे।
1.5 प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभात और और शिक्षा (सीसीई) की सार्वभौमिक पहुँच के लिए आगनवाड़ी केडो को उच्चतरगुणवत्ता के बुनियादी ढाचे. सोलने के उपकरण और पूर्ण रूप से प्रशिक्षित आगनवाड़ी कार्यकत्रियो । शिक्षको के साथ सशक्त बनाया जाएगा। प्रत्येक आगनवाड़ी मे समय शिक्षा के वातावरण के साथ अच्छी तरह से डिजाइन किया हुआ हवादार, बाल-सुतभा और निर्मित भवन होगा। आगनबाडी केन्द्रो बच्चे गतिविधि से भरे पर्यटन करेंगे और अपने स्थानीय प्राथमिक स्कूलों के शिक्षको और छा्रो से मिलेगे ताकि आगनवाड़ी केन्द्रो से प्राथमिक स्कूलो में सक्रमण को सुचारू बनाया जा सके। औगनवाहियो को रक्त परिसरों । समूहों में पूरी तरह से एकीकृत किया जायेगा और आगनवाड़ी बच्चो, माता-पिता और शिक्षको को कूता स्कूल के विभिन्न कार्यक्रमों में परस्पर-भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जायेगा।
1.6 यह परिकल्पना की गई है की 5 वर्ष की आयु से पहले हर बच्चा एक प्रारभिक कक्षा पा वालवाटिका (जो कि कक्षा 1 से पहले के में स्थानांतरित हो जायेगा जिसमे एक ईसीसीई योग्य शिक्षक है तैयारी कक्षा में सीखने को मुख्य रूप से खेत-आधारित शिक्षा पर आधारित होना चाहिए जिसमे सज्ञानात्मक भावनात्मक और भारीरिक क्षमताओं और प्रारभिक साक्षरता और सख्या-ज्ञान विकसित करने पर ध्यान केदित किया जाएगा। दोपहर के (मध्य भोजन कार्यक्रम को प्राथमिक विद्यालय के साथ-साथ तैयारी कक्षाओं तक भी विस्तारित किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य के विकास की निगरानी और जाच -परीक्षण जो आगनवाड़ी व्यवस्था में उपलब्ध है. उसे प्राथमिक स्कूलो की तैयारी कक्षाओं के कात्रों को भी उपलब्ध कराया जाएगा।
1.7 ईसीसीई शिक्षको के शुरुआती केसर को तैयार करने के लिए आगनवाड़ी कार्यका्रियों मिषको को एनसीईआरटी द्वारा विकसित पाठ्यकम/ शाख्ीय फ्रेमवर्क के अनुसार एक व्यवस्थित तरीके से मभिक्षण दिया जापगा। 10 2. और उससे अधिक योग्यता वाले आगनवाड़ी कार्यकत्री शिक्षक को ईसीसीई में 6 महीने का प्रमाणपत्र कार्यक्रम कराया जाएगा और कम मोक्षणिक योग्यता रखने वातो को एक वर्ष का डिप्लोमा कार्यक्रम कराया जाएगा जिसमें प्रारंभिक साक्षरता. सख्या और ईसीसीई के अन्य प्रासंगिक पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा। इन कार्यक्रमों को विजिटल / दूरस्थ माध्यम से डीटीएच चैनलो के साथ-साध स्मार्ट फोन के माध्यम से चलाया जा सकता है, जिससे शिक्षको को अपने वर्तमान
कार्य में न्यूनतम आवधान के साथ ईसीसीई योग्यता प्राप्त करने में सहूलियत मित पाएगी। आगनवाड़ी कार्यकवियो / शिक्षकों के ईसीसीई प्रशिक्षण को शिक्षा विभाग के क्लस्टर रिसोर्स सेंटर द्वारा मेटर किया जाएगा और निरतर मूल्यांकन के लिए कम से कम एक मासिक कक्षा भी चतापगा। टी्धाधि में राज्य सरकारोको चरण-विमरोष मे व्यावसायिक प्रशिक्षण मार्गदर्शन की व्यवस्था और करियर मैपिग के जरिये आरभिक बाल्यावस्था में देखभात और शिक्षा के लिए व्यावसायिक रूप से योग्य शिक्षको के कैडरो को तैयार करना चाहिए। इन शिक्षको की प्रारंभिक व्यावसायिक तयारी और उसके सतत व्यावसायिक विकास (सीपीटी) के लिए आवश्यक सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा।
1.8 ईसीसीई को चरणबद्ध तरीके से आदिवासी बहुत क्षेत्रों की आश्रमभालाओं में भी मुरू किया जाएगा। आषमन्याताओ मे ईसीसीई को एकीकृत करने और इसे लागू करने की प्रक्रिया ऊपर दिए गए विवरण के जैसी ही होगी।
1.9 ईसीसीई पाठयक्रम और शिक्षण-विधि की जिम्मेदारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय की होगी ताकि प्राथमिक विद्यालय के माधयम से पूर्व-प्राथमिक विद्यालय तक इसकी निरंतरता सुनिित की जा सके और शिक्षा के मूलभूत पहतुओं पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके। भारभिक बाल्यावस्था देखभात और शिक्षा पाठयक्रम को आयोजना और क्रियान्तयन मानव संसाधन विकास मंत्रालय महिला और बात विकास (डब्ल्यूसीडी) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एममपचपफटय और जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। स्कूली शिक्षा में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभात और शिक्षा के सुचारु एकीकरण एवं सतत मार्गदर्शन के लिए एक विशेष सपुक्त कार्य बल (टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।