ऋतुराज जीवन परिचय –
कविवर ऋतुराज का जन्म राजस्थान के भरतपुर जिले में सन् 1940 में हुआ। वहीं से प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
से उन्होंने अंग्रेजी में एम०ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने चालीस साल तक अंग्रेजी साहित्य के अध्यापन का कार्य किया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अब जयपुर में ही अपना निवास बना रखा है। उन्हें सोमदत्त परिमल पुरस्कार, मीरा पुरस्कार, पहल सम्मान तथा बिहार पुरस्कार जैसे विशिष्ट पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
ऋतुराज प्रमुख रचनाएँ-
ऋतुराज के अब तक आठ कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें से कुछ प्रमुख संग्रह इस प्रकार है- एक मरणधर्मा और अन्य’ ‘पुल पर पानी, ‘सूरत निरत, ‘लीला मुखारविंद’।
ऋतुराज साहित्यिक विशेषताएँ-
राज ने जीवन और परिवेश से संबंधित समस्याओं को अपनी रचनाओं का विषय बनाया है। उन्होंने आम आदमी के जीवन से जुड़ी चिंताओं को उकेरा है। उन्होंने अपनी काव्य कृतियों में दैनिक जीवन के अनुभवों का यथार्थ चित्रण किया है। ये अपने आस-पास के सामाजिक वातावरण में घटित होने वाली शोषण और जीवन की बिवनाओं संबंधित घटनाओं को बहुत बारिकी से देखते हैं।
ऋतुराज भाषा-शैली-
कवि ऋतुराज की भाषा सरल, सहज एवं भावानुकूल है। उनको भाषा सामाजिक परिवेश और लोक जीवन से जुड़ी हुई है। सोधे-सादे शब्दों में भावों की गहनता को अभिव्यक्त करना, उनकी भाषा की मुख्य विशेषता है। उन्होंने तत्सम तद्भव, देशी, विदेशी सभी प्रकार के शब्दों का भावानुरूप प्रयोग किया है। अलंकारों का स्वाभाविक प्रयोग किया है। अभिधा लक्षणा, व्यंजना तीनों प्रकार की शब्द शक्तियों का प्रयोग उनकी रचनाओं में देखने को मिलता है। उन्होंने श्रृंगार और करुण रस को महत्व दिया है।