हमें अपने कर्म का फल मिलता है. हमारी बुद्धि पर इसके पहले हमने जो कर्म किये है उसका निशान है. इसीलिए जो बुद्धिमान लोग है वो सोच विचार कर कर्म करते है.
Title 1वह जो हमारे मन में रहता हमारे निकट है. हो सकता है की वास्तव में वह हमसे बहुत दूर हो. लेकिन वह व्यक्ति जो हमारे निकट है लेकिन हमारे मन में नहीं है वह हमसे बहोत दूर है.
मन में सोंचे हुए कार्य को किसी के सामने प्रकट न करें बल्कि मनन पूर्वक उसकी सुरक्षा करते हुए उसे कार्य में परिणत कर दें।
न बातो को बार बार गौर करे…सही समय सही मित्रसही ठिकाना पैसे कमाने के सही साधन पैसे खर्चा करने के सही तरीकेआपके उर्जा स्रोत.
विद्या अर्जन करना यह एक कामधेनु के समान है जो हर मौसम में अमृत प्रदान करती है. वह विदेश में माता के समान रक्षक अवं हितकारी होती है. इसीलिए विद्या को एक गुप्त धन कहा जाता है.
अपने व्यवहार में बहुत सीधे ना रहे. आप यदि वन जाकर देखते है तो पायेंगे की जो पेड़ सीधे उगे उन्हें काट लिया गया और जो पेड़ आड़े तिरछे है वो खड़े है.
क्या करना उचे कुल का यदि बुद्धिमत्ता ना हो. एक नीच कुल में उत्पन्न होने वाले विद्वान् व्यक्ति का सम्मान देवता भी करते है.
जिनके पास यह कुछ नहीं हैविद्यातप. ज्ञान.अच्छा स्वभाव.गुण.दया भाव.…वो धरती पर मनुष्य के रूप में घुमने वाले पशु है. धरती पर उनका भार है.
जिसे दौलत, अनाज और विद्या अर्जित करने में और भोजन करने में शर्म नहीं आती वह सुखी रहता है.