What is Vrikshasana and its benefits | वृक्षासन क्या है और इसके फायदे?

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vrikshasana

वृक्षासन (Vrikshasana)  में सरीर वृझ के सामान दीखता है इसलिए इसे व्रिझासन का नाम से जानते है इसमें एक पैर पे दृढ़ता के साथ अपने आप को बैलेंस करना होता है वृझ के समान एक जगह पे खड़ा रहना पड़ता है ये आसन अपने सरीर और मन को संतुलित करने का आसन है,Vrikshasana हटयोग की एक छोटी इकाई है,

Method of doing Vrikshasana |वृक्षासन करने की विधि ,

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  • 1. वृक्षासन करने की पहली स्थिति, 
  • 2.पहले खड़े हो जाये अब अपने पैरो को  आपस में मिलाकर खड़े हो ,

3.बाये पैर को घुटने से मोड़े  जैसा चित्र में दर्शाया गया है,

4.बाये पैर के तलवे को जितना हो सके दाये पैर के जांघो पे अंदर की तरफ रखे ,

5.दाए पैर पे संतुलन बनाये और अपने दोनों हाथो को ऊपर उठाते हुए नमस्कार की मुद्रा में सर के ऊपर दोनों हथेलियों को मिलाये और अपने सामने किसी बिंदु पर नज़रे टिकाये ये प्रक्रिया १० सेकेण्ड से १ मिनट तक कर सकते है ,

6.दाए पैर पे ये क्रिया करने के बाद अब बाये पैर पे खड़े होक यही प्रक्रिया दोबारा दोहराये इस बार भी १० सेकंड  से १ मिनट तक उसी अवस्था में बने रहे और और सामने किसी बिंदु पे ध्यान लगाए पूरी क्रिया के दौरान,

Benefits of doing Vrikshasana | वृक्षासन  करने के लाभ  ,

1.वृक्षासन (Vrikshasana) योग करने से सरीर में संतुलन बनाये रखने की छमता विकसित होती है क्यो की अपने एक पैरो पे पुरे सरीर का संतुलन बनाया जाता है,

2.Vrikshasana (वृक्षासन) करने से पुरे सरीर में रक्त संचार की सुविधा बेहतर होता है,

3.वृक्षासन करने से पैरो की मांसपेसियों को चुस्त बनती है,

4.वृक्षासन एकग्रता बढ़ने के लिए एक खाश योगासन है,

5.Vrikshasana नियमित रूप से करने से अपनी एकाग्रता को बढ़ाया जा सकता है क्यो की इस आसान में एक पैर पे खड़े होकर हाथो को नमस्कार की मुद्रा में सर के ऊपर जोड़ कर सामने किसी बिंदु पर नजरे टिकाई जाती है जिससे हमारे सरीर की मंश्पेसिया एक पैर पे हमारे सरीर का संतुलन बनाये रखने के कोसिस में जुटी होती है और हमारी आँखे एक छोटी सी बिंदु पे टिकी होती है जिससे एकाग्रता की छमता का विकाश होता है और ये योगासन मुख्या रूप से विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होता है अगर इसे नियमित रूप से किया जाये तो,

Things to keep in mind while doing Vrikshasana | वृक्षासन करते समय ध्यान में रखने वाली बाते ,

  • अगर किसी को वृक्षासन (Vrikshasana) करते समय चक्कर अता  है तो वो न करे
  • अगर एक पैर पर संतुलन नही  बन पा  रहा तो जीतनी देर  बन रहा है उतनी से ही सुरुवात करे फिर छाए ५ सेकंड ही को न हो बार बार प्रयाश करने से और अधिक टाइम तक संतुलन बनने लगेगा
  • वृक्षासन करते समय सामने एक बिंदु पर ध्यान जरूर केंद्रित करने की कोसिस करे

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