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sad love
तरस रहे थें आपको देखने के वीए दील फीर भी आपकी दुआ करता था...2 हमसे अच्छा तो आपके घर का आईना है कम से कम आपको देख तो लीया करता था.🧡 तुमने तो कह दीया उसे बेवफा और बाजारू पर उसे बेटी होने का कर्ज नीभाना था. माना साथ चलने की कसम खाई थी उसने पर चलना भी तो उसके माँ बाप के सीखाया था👨👧👧 चेहरे पे मौहल दीय दील में नफरत लीए बैठे है जो खुद को कहते है अपना वही आशीकी मे खन्जर लीए बैठे हैं😥 आज भी जेहन में एक खुमार बाकी, है आखो में तेरा इंतेज़ार बाकी है तू बहाने ना बना मुझसे ना मिलने के.. मेरी इन आंखों में आज भी तेरा इतज़ार बाकी है..❤❤❤ आज Instagram पर तस्वीर जो देखी उनकी नज़रे झुकी हुई थी उनके होट मुस्कुरा रहे थे, उनके followers उनके चाहने वालों की तादात बता रहे थे अब पता चला कियू भूल गए वो हम को हम जैसे कई उनके पीछे अपनी जान लूटा रहे थे,💁♂️ इन आखो में आग लिए फिरते हैं टूटे हुए सपनों के कुछ "डग" लिए फिरते हैं,... रोज कोई ख्वाब मारा जाता है इन अखो में..., आखो में शमशान लिए फिरते हैं... 👿 अभी वो' सफर पर निकले ही थे कि उनकी याद हमें सताने लगी.. अभी इक दिन भी गुजरा ना था मुकम्मल उनका हमसे दूर जाकर की, हमें उनके लौट आने की 'तारीख ' याद आने लगी...! बड़ा "मुश्किल" होता है किसी को दिल की बात बताना.....वो तुम्हे "याद ना "करे और उसे बार बार अपनी मोहब्बत का एहसास दिलाना... बड़ी "बेदर्दी से टूटा " है आज दिल.. गलती दिले की ही थी, इश्क करने चला था टूटना लाज़िम था....! बड़ी शिदतो से चाहा उसे . उसे हाल ए दिल बताया कुछ भी नहीं .... तड़पते रहे तन्हा रतो में उसे जताया कुछ भी नहीं... चाहे दिल "टूट" जाए, चाहे रूह काप जाए, अयसा ना हो कभी किसी के प्यार को किसी और से प्यार हो जाए... चाय का कप हात' में आते ही 'दोस्तो 'कि याद आने लगती है, उनके साथ बिताई हर मुलाक़ात याद आने लगती है, भूल जाता हूं मैं 'हर गम' उनके साथ होने पर साथ अगर वो होटों मेरे होटों पर एक 'प्यारी सी मुस्कान आने लगती हैं...! छोड़ो मेरी "जरूरत नहीं "है यहां पर, एक मैखाना मेरा इंतजार कर रहा है, "दीवानों की महफ़िल" सजी हैं वहां पर, एक दीवाना मेरा इंतजार कर रहा है...! दिल से जो निकले हर राज अली अली लब मेरे बोले हर अल्फाज अली अली..... अली मावला अली मावला अली बांध बांध ... डी हा मेरी आखों में ये जो मोहब्बत का कहर है " उनसे बस एक मुलाक़ात का असर है "ए खुदा काश वो भी जान लेते, "हाल ए दिल मेरा" जो मेरी मोहब्बत से बेखबर है...! टोपी मुझे "तूता हुआ दिल" है मेरे .., "आखो" में कुछ अरमान लिए गए हैं, पुछते हो वजा "खामोश" मेरे रहने की, एक टोपी में है "कलम", .., एक टोपी में झलकता हुआ "जाम "लिए बेट है... "काटो के साथ जरूर रहते है पर फूलों पर एतबार नहीं करते. पैसे वाला देख कर हर किसी से "मोहब्बत का इजहार नहीं " करते अपनी खूबसुरती "पर घमंड" करने वाले हम इश्क करते है तेरी "सादगी "से, तेरी "खूबसूरती" देख कर तुझपर एतबार नहीं करते....! इक दिन उनसे 'मिलकर' हाल ए दिल उन्हें बतलाऊंगा.. वो साथ होंगे तो सिर्फ आखों से ही बाते होंगी उनसे.. लबो पर हात रख कर उनके खुद 'खामोश हो जाऊंगा इश्क झोली में लिए शिक की तलाश बड़े न समझ हो यर..? करते हो..❤जन हतेली पर लिए कातिल की तलाश करते हैं हो... जानते है हम वो किसी और से प्यार करते है हम फिर भी उनसे इश्क "बेशुमार करते है वो शॉक से "नजर अंदाज" करे हमें हम तो सिर्फ उन्हीं से मुलाकात का इंतेज़ार करते है.... जाखमो की पर्व किस है हम तो सिर्फ दावाओ से घबड़ाते है सिला मिला है दोस्ती में कुछ ऐसा दुश्मन मिले तो शि है दोस्ती से अब कतरे है... जिस तरह तू मेरी आखों में बसता है.. सोचता हूं, 'आज मै भी कुछ खास हो जाऊ तेरे लबों से निकला अल्फाज़ हो जाऊ... कभी मुझ पर " ऐतबार " करके तो देखो, कभी दिल निसार करके तो देखो, जैसे मै करता हूं तुमसे तुम भी मुझ से" प्यार" करके तो देखो खूबसूरत चेहरा है उनका " उनकी झुकी हुई नजर है, बस ये वजह है दूरियों की वो मेरी मोहब्बत से बेखबर " है...! क्या मिला "तुमसे मिलकर " मै कहीं खो गया हूं "तेरी गलिया मेरी मंजिल बन गई है, उनमें मै कहीं लापता हूं, जिन रहो पर मै चल रहा हूं उनसे तेरा पता पूछ ता हूं........ क्या खूबसूरत सूरत है उसकी के या प्यारी सी शकल है.... मगर क्या कर अकाल से हो अकाल है...✰✰✰ मै जो 'तुझे खो चुका हूं अब ख्वाहिश नहीं कुछ मिले... बिना तेरे अब.... और मिले' तो सिर्फ मौत मिले जिंदगी ना मिले..... मै उसे "मनाना" चाहता हूं के वो फिर रुठ जाती है.... "कलाई "थामना चाहता हूं मै उसकी के फिर छूट जाती है.. इस कदर शामिल है वो मेरी रातों में... उसके" करवट बदलते ही" मेरी नींद टूट जाती है...! मेरे "दिल क्या हाल है " ये उनका सवाल है "जो दिल मेही रहते है" फिर भी है "कियू बेखबर "...? ख़्वाब" क्या देखना जो तू जाना है.. उन से "मोहब्बत" का एझर क्या करना जो ओ रूथ जाना है....... फिर ईक दफा नशा चडा है "तेरी मोहब्बत का " तेरे दीदार के लिए आए है.." फिर शौक से दिल तोड़ो हमारा" हम फिर लौट जायेगे... पत्ते शाखो से झड़े अधूरी हर "शाख रह गई. बित गया बारिश का "अधूरी" हर बात "रह गई वो "मिले भी नहीं और बिछड़ गए" " अधूरी उनसे से हमारी " मुलाक़ात रह गई....! शराबियों की महफ़िल में शराब से कतरा रहे हो... अजीब शक्स हो यार मोहबत से घबरा रहे हो... तेरा यू "रुठ जाना ठीक नहीं मै रोऊ" तेरा यू "मुस्कुराना" ठीक नहीं इक दफा हात थाम कर इस कदर ...तन्हा रहो पर छोड़ जाना ठीक नहीं...! .. तू नारज है नरजी की वजा बता तो शी, माई रो दू तू जरा मुस्कुरा तो शी, मैं दूर हो जाउ सारे जहां से तू कभी गले से इगा से शि...