bhagvat gita, भगवद्गीता का मतलब होता है भगवान द्वारा दिया गया दिव्य उपदेश, भागवत गीता उपदेश के रूप में आज से लगभग ५००० साल पहले महाभारत के युद्ध के समय भगवान श्री कृष्ण ने अपने शिष्य अर्जुन को कुरुछेत्र नाम की जगह जहा महाभारत का युद्ध हुआ था वहा पर दिया था ये दिव्य उपदेश इतिहास का सबसे महान वार्ता और दिव्य उपदेश के रूप में देखा जाता है ,
भगवत गीता में क्या लिखा है?
bhagvat gita में ये बताया गया है की धर्म क्या होना चाहिए,हमारे कर्म किन गुणों से संचालित होते है, उनका क्या प्रभाव होता है, आत्मा सरीर परम चैतन्य का परम विज्ञानं, जीवन मरन का चक्र, एक संतुलित समाज के कर्म कैसे होने चाहिए,सही और गलत के बिच का फर्क को कैसे समझना चाहिए,इसतरह से मानव जाती के संतुलन बनाये रखने के लिए कई आयामों के बारे में इस दिव्य ज्ञान को १८ अध्याय और ७०० श्लोको में लिखा गया है,
Bhagvat Gita १ से 18 अध्याय में क्या लिखा है?
- Bhagvat Gita अध्याय १ सैन्यनिरछंण
- Bhagvat Gita अध्याय 2 गीता का सार
- Bhagvat Gita अध्याय 3 कर्मयोग
- Bhagvat Gita अध्याय 4 दिव्य ज्ञान
- Bhagvat Gita अध्याय 5 कर्मयोग
- Bhagvat Gita अध्याय 6 ध्यान योग
- Bhagvat Gita अध्याय 7 भगवत ज्ञान
- Bhagvat Gita अध्याय 8 भगवत्त्प्राप्ति
- Bhagavad Gitaअध्याय 9 परमगुहा ज्ञान
- bhagvat geeta अध्याय 10 श्रीभगवान का ऐश्वर्य
- Bhagavad Gita अध्याय 11 विराट रूप
- bhagvat geeta अध्याय 12 भक्ति योग
- bhagvat geeta अध्याय 13 प्रकृति पुरुष तथा चेतना
- Bhagwat geeta अध्याय 14 प्रकृति के तीन गुण
- Bhagwat geeta अध्याय 15 पुरुसोत्तम योग
- Bhagwat geeta अध्याय 16 दैवी तथा आसुरी स्वाभाव
- Bhagwat geeta अध्याय 17 श्रद्धा के विभाग
- Bhagwat geeta अध्याय 18 उपसंहार सन्यास की सिद्धि
भागवत गीता घर में रखने से क्या होता है?
सिर्फ भगवत गीता को घर में रखे रहने से किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता न अच्छा या न बुरा ,एक quotes है “उन किताबो के दिव्य ज्ञान का कोई मतलब नहीं बनता जब तक उनको कर्मो में ना उतरा जाये”
क्या मैं रात में गीता पढ़ सकता हूं? गीता कहां पढ़ी जाए? भगवद गीता कौन पढ़ सकता है?,
भगवत गीता को कौन किसको कहा और किस समय पढ़नी चाहिए ये सवाल सबके मन में उठता है ,इसका जवाब यही मिलता है की आप भागवत गीता कभी भी पढ़ सकते है इसके लिए कोई समय नहीं है जिस समय आप को ठीक लगे उस समय पढ़ सकते है ,चाहे यात्रा के समय घर में बहार कभी भी ,क्यो की भगवत गीता कोई मंत्र विद्या या प्राथना की बुक नहीं है जिसको पढ़ने के लिए विषेस परिस्थिति नक्छत्र या समय को देखने की जरूवत पड़े,
असली गीता कौन सी है?
असली भगवत गीता संस्कृत में लिखी गयी है मार्केट में संस्कृत भासा के साथ कई भासाओ के अनुवाद के साथ उपलब्ध है ,
भगवत गीता पहली बार कहाँ कही गई थी?
भगवान श्री कृष्ण ने भगवत गीता में कहा है की, गीता का पदेश सबसे पहले सूर्य देव को दिया गया था ,सूर्य देव ने उसके बाद ये ज्ञान मनुष्य के पिता मनु को दिया गया उसके बाद मनु ने इसका उपदेश इझवांकू को दिया ,लेकिन धीरे धीरे समय के साथ ये विलुुप्त हो गया ,फिर भगवत गीता के ज्ञान को श्री कृष्ण ने महाभारत युध्य सुरु होने से पहले कुरुछेत्र नाम की जगह पर अर्जुन को दिया था,