What is Raj Yoga |राज योग क्या है ?

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चौथा योग राजयोग है। चौथा योग राजयोग है। राजयोग अक्सर राज-पथ कहा जाता क्योंकि यह ज्ञान अनुभव बहुत संपन्न है। थोड़े प्रशिक्षण बाद राजयोग...
कर्म-योग

What is Karma Yoga | कर्म योग क्या है ?

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Karma Yoga योग के उन मार्गों में से एक है जो निःस्वार्थ सेवा और फलों के प्रति आसक्ति के बिना कार्यों के प्रदर्शन पर...
भक्ति-योग

What is Bhakti Yoga | भक्ति योग क्या है

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Bhakti Yoga योग के उन मार्गों में से एक है जो एक व्यक्तिगत देवता या आध्यात्मिक सिद्धांत के प्रति भक्ति और प्रेम पर जोर...

What is Gyan Yoga | योग क्या है

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यह ज्ञान, बुद्धियोग एक प्रकार से योग का विज्ञान ही है। ज्ञान का योग विज्ञान का योग भी है। प्रकृति के नियम ईश्वर के...
yog-kya-hai

What is yoga? | योग क्या है ?

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योग yoga एक पूरा योग विज्ञानं और विधि  है ,जिसपर नियमित रूप से नियमो पर चल कर कोई भी मनुस्य अपने सरीर...
What Is Bhagvat Gita?

Bhagavad Gita Adhyay 18 Hindi English

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भगवद गीता अथाष्टादशोऽध्यायः अर्जुन उवाचसन्न्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम्‌ ।त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ৷৷18.1৷৷भावार्थ : अर्जुन बोले- हे महाबाहो! हे अन्तर्यामिन्‌! हे वासुदेव! मैं संन्यास और...
What Is Bhagvat Gita?

Bhagavad Gita Adhyay 17 Hindi English

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भगवद गीता अध्यायः 17 अर्जुन उवाचये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः।तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः৷৷17.1৷৷भावार्थ :अर्जुन बोले- हे कृष्ण! जो मनुष्य शास्त्र विधि को त्यागकर...
What Is Bhagvat Gita?

Bhagavad Gita Adhyay 16 Hindi English

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भगवद गीता 16 अथ षोडशोऽध्यायः श्रीभगवानुवाचअभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः।दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्‌॥16.1॥भावार्थ : श्री भगवान बोले- भय का सर्वथा अभाव, अन्तःकरण की पूर्ण निर्मलता, तत्त्वज्ञान के...
What Is Bhagvat Gita?

Bhagavad Gita Adhyay 15 English hindi

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भगवद गीता अथ पञ्चदशोऽध्यायः श्रीभगवानुवाचऊर्ध्वमूलमधः शाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम्‌ ।छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित्‌ ৷৷15.1৷৷भावार्थ : श्री भगवान ने कहा - हे अर्जुन! इस संसार...
What Is Bhagvat Gita?

Bhagavad Gita Adhyay 14 Hindi English

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भगवद गीता अथ चतुर्दशोऽध्यायः श्रीभगवानुवाचपरं भूयः प्रवक्ष्यामि ज्ञानानं मानमुत्तमम्‌ ।यज्ज्ञात्वा मुनयः सर्वे परां सिद्धिमितो गताः ॥ (१)भावार्थ : : श्री भगवान ने कहा - हे...