Bhagavad Gita Adhyay 2 Hindi English
भगवद गीता ध्यायः 2
तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम् ।विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः ॥2.1॥भावार्थ : संजय बोले- उस प्रकार करुणा से व्याप्त और आँसुओं से पूर्ण तथा...
Bhagavad Gita Adhyay 6 English Hindi
भगवद गीता अध्याय 6 : ध्यानयोग
श्रीभगवानुवाचअनाश्रितः कर्मफलं कार्यं कर्म करोति यः |स संन्यासी च योगी च न निरग्निर्न चाक्रियः || १ ||भावार्थ :श्रीभगवान् ने...
Bhagavad Gita Adhyay 15 English hindi
भगवद गीता अथ पञ्चदशोऽध्यायः
श्रीभगवानुवाचऊर्ध्वमूलमधः शाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् ।छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित् ৷৷15.1৷৷भावार्थ : श्री भगवान ने कहा - हे अर्जुन! इस संसार...
Bhagavad Gita Adhyay 17 Hindi English
भगवद गीता अध्यायः 17
अर्जुन उवाचये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः।तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः৷৷17.1৷৷भावार्थ :अर्जुन बोले- हे कृष्ण! जो मनुष्य शास्त्र विधि को त्यागकर...
Bhagavad Gita Adhyay 12 Hindi English
भगवद गीता अध्यायः 12
अर्जुन उवाच एवं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते ।ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥भावार्थ : अर्जुन बोले ——-जो अनन्य प्रेमी भक्त्त जन...
Bhagavad Gita Adhyay 18 Hindi English
भगवद गीता अथाष्टादशोऽध्यायः
अर्जुन उवाचसन्न्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम् ।त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ৷৷18.1৷৷भावार्थ : अर्जुन बोले- हे महाबाहो! हे अन्तर्यामिन्! हे वासुदेव! मैं संन्यास और...
Bhagavad Gita Adhyay 9 Hindi English
भगवद गीता अध्याय 9 : परम गुह्य ज्ञान
श्रीभगवानुवाचइदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यसूयवे |ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेSश्रुभात् || १ ||भावार्थ : श्रीभगवान् ने कहा –...
Bhagavad Gita Adhyay 13 Hindi English
भगवद गीता ज्ञानसहित क्षेत्र अध्यायः 13
अर्जुन उवाचप्रकृतिं पुरुषं चैव क्षेत्रं क्षेत्रज्ञमेव च ।एतद्वेदितुमिच्छामि ज्ञानं ज्ञेयं च केशव ৷৷13.1৷৷भावार्थ :अर्जुन ने पूछा - हे केशव!...
Bhagavad Gita Adhyay 16 Hindi English
भगवद गीता 16 अथ षोडशोऽध्यायः
श्रीभगवानुवाचअभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः।दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्॥16.1॥भावार्थ : श्री भगवान बोले- भय का सर्वथा अभाव, अन्तःकरण की पूर्ण निर्मलता, तत्त्वज्ञान के...
Bhagavad Gita Adhyay 11 Hindi English
भगवद गीता अध्याय 11 : विराट रूप
मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम् |यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोSयं विगतो मम || १ ||भावार्थ : अर्जुन ने कहा – आपने जिन...